Saturday, July 27, 2024
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Patriotic Fervor : कश्मीर गुलमर्ग की बर्फीली पहाड़ियों पर सिक्स सिग्मा ने बनाया सीजन का पहला इग्लू

माइनस 20 डिग्री तापमान में इग्लू बनाने की केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी की तारीफ, मेडिकल सर्विस के प्रशिक्षण सत्र के समापन पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के मुख्य सलाहकार राजीव राय भटनागर ने की शिरकत, प्रमाणपत्र बांटे 

अपनी पत्रिका ब्यूरो 
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर कर रही कर्म और शौर्य का अद्भुत संगम सिक्स सिग्मा अपने फौलादी इरादों से एक नई गाथा लिख रही है। यह संस्था मुस्कुराते हुए सभी बाधाओं को पार करते हुए हर चुनौती को स्वीकार कर रही है। सिक्स सिग्मा ने दुर्गम रास्तों पर चलकर जोश, जुनून और साहस की बुलंदी को छूते हुए गुलमर्ग स्थित भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान में नई मिसाल पेश की है।। आईआईएसएम में हिमस्खलन (एवलांच) में बचाव और रेस्क्यू प्रशिक्षण के दौरान बनाया सीजन का सबसे पहला इग्लू (बर्फ का घर) बनाया है । केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इग्लू की तारीफ की है साथ ही सिक्स सिग्मा टीम को शुभकामनाएं भी दी।

सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ. प्रदीप भारद्वाज के नेतृत्व में सिक्स सिग्मा हाई एल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस की 25 सदस्यीय टीम ने बर्फ से ढकी चोटियों के मध्य स्थित भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान में माइनस 20 डिग्री तापमान में सात दिवसीय ट्रेनिंग सत्र के दौरान जमकर मेहनत की और एवलांच से बचाव और रेस्क्यू की बारीकियों के साथ-साथ त्वरित सहायता प्रदान करने की विधियों को सीखा। इसके अलावा पूर्व में ली गई ट्रेनिंग के दौरान सीखे गए गैरों को वहां पर करके भी दिखाया, जो इग्लू के रूप में दिखा।

भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान (आईआईएसएम) में सिक्स सिग्मा हाई ऐल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस के प्रशिक्षण सत्र के समापन पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के मुख्य सलाहकार राजीव राय भटनागर ने शिरकत कर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए और मेडिकल टीम द्वारा बनाए गए इग्लू को देखा और डाॅ. प्रदीप भारद्वाज से निर्माण के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा, हम मौत को भी सिरहाने रख कर सोते हैं। आज हम बर्फीले बवंडर का चक्रव्यूह तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी हाई ऐल्टिटूड मेडिकल सेवाओं का युगों-युगों से इतिहास साक्षी रहेगा।

डाॅ. भारद्वाज ने मुख्य सलाहकार भटनागर जी को बताया कि भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान के इतिहास में ले पहला अवसर है कि किसी टीम ने ट्रेनिंग के दौरान इग्लू बनाया है । इग्लू के निर्माण की खास बात होती है कि इसके बनाने में बर्फ के सिवाय कोई सामग्री प्रयोग में नहीं लाई जाती है। यह घर रहने वाले को बाहर के मौसम व ठंड से राहत देता है। कनाडा के मध्य आर्कटिक और ग्रीनलैंड के क्षेत्रों के लोग इसका इस्तेमाल काफी समय से कर रहे हैं। ऊँचे बर्फीले पहाड़ों में सिक्स सिग्मा के लिए बचाव का सबसे कारगर हथियार इग्लू होता है। इसके अंदर सिक्स सिग्मा का डॉक्टर एक मोमबत्ती के सहारे कई दिन गुजार सकता है। एक इग्लू में 3-4 लोग रह सकते हैं।

क्यों बनाए जाते हैं इग्लू ?

ठंड वाले घर को इग्लू कहते हैं। इग्लू का मतलब होता है बर्फ का घर। चूंकि ठंड के दिनों में वहां का तापमान -50 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। इसलिए ठंड से बचने के लिए एस्किमो इग्लू का निर्माण करते हैं। इग्लू बनाने के लिए वे ठोस बर्फ के टुकड़ों को आपस में जोड़ देते हैं। इग्लू के अंदर किसी व्यक्ति का दम न घुटे, इसलिए इग्लू की छत पर एक छेद भी किया जाता है। कई बार इग्लू को बाहर से कंबलों से भी ढक दिया जाता है, ताकि अंदर भी गर्मी बरकरार रहे। इग्लू तूफान आने पर टूटे नहीं, इसलिए उसे गुंबद का आकार दिया जाता है। इग्लू को बनाने में कम से 6 घंटे का वक्त लगता है।

इग्लू अंदर से कैसे रहता है गरम 

जिस तरह रजाई या स्वेटर हमारे शरीर की गर्मी को अंदर रोककर हमें गरम रखते हैं। उसी तरह बर्फ के घर भी अंदर रह रहे लोगों के शरीर से उत्पन्न गर्मी को बाहर नहीं जाने देता है।

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