Friday, May 10, 2024
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अब समझ में आया उदयनिधि स्टालिन और संजय राउत के 

अपनी पत्रिका ब्यूरो 

नई दिल्ली। विपक्ष के नेता हैं कि उनकी समझ में तब आती है जब उनकी उलटी-सीधी बयानबाजी का फायदा बीजेपी उठा लेती है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदय निधि के बयान कि सनातन धर्म मलेरिया बीमारी की तरह है, इसे खत्म कर देना चाहिए पर पूरा विपक्ष चुप्पी साध गया। उदय निधि अपने बयान पर अडिग रहने की बात करने लगा। विपक्ष के किसी नेता ने यह बोलने की जहमत नहीं उठाई कि किसी धर्म को अपमानित करने का अधिकार किसी को नहीं। जब बीजेपी ने इस बयान पर बवाल मचा दिया और विपक्ष को उल्टा पड़ने लगा तो अब समझ में आने लगी है। उदयनिधि ने कहा है कि ‘मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है और हम किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं.’  इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर फासीवादी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने पिछले 9 साल में क्या किया? ये जनता को बताये।

उधर अब इसकी आलोचना इंडिया गठबंधन में उद्धव बाला साहब ठाकरे शिवसेना ने भी कर दी है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘वो (उदयनिधि) इस देश में रहने वाले 90 करोड़ से अधिक लोगों की भावना को चोट कैसे पहुंचा सकते हैं।
संजय राउत ने कहा, ‘उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और उनके बयान का कोई समर्थन नहीं करेगा। उनको इस तरह के बयान से बचना चाहिए। यह DMK की राय हो सकती है। इस देश में 90 करोड़ हिंदू और अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं। इस तरह से पूरे देश का माहौल खराब हो गया है। एम. के. स्टालिन एक आदरणीय नेता हैं। अगर उनके सलाहकार थोड़ा बचकर बयान दें तो गठबंधन में रुकावट नहीं आएगी।

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