सरकार कितने भी दावे करती रहे कि नक्सलवाद पर उनसे काबू पा लिया है। नक्सली हथियार छोड़ मुख्य धारा में आ रहे हैं। पर जमीनी हकीकत यह है कि नक्सलवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं। नहीं तो बिहार बस्तर से माओवादियों के शहीदी सप्ताह मनाने की प्रेस रिलीज क्यों जारी होती ? नक्सली यह शहीदी सप्ताह 28 जुलाई से 3 अगस्त तक मनाएंगे।
दरअसल बस्तर से नक्सलियों ने एक प्रेस रिलीज जारी की है। इस रिलीज में माओवादियों ने शहीदी सप्ताह मनाने की बात कही है। इतना ही नहीं नक्सलियों ने 56 वर्षों का आंकड़ा भी जारी किया है। इस आंकड़े में 1967 से लेकर 2023 तक 1169 महिला नक्सली समेत कुल 14 हजार 8 सौ नक्सलियों की मौत हो चुकी है।
यह प्रेस रिलीज माओवादियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने जारी की है। इस रिलीज में नक्सलबाड़ी से शुरू हुए नक्सल आंदोलन से लेकर अब तक चारु मजूमदार समेत मारे गए नक्सलियों की जानकारी को किया साझा किया गया है।
मारे गए नक्सलियों में 41 नक्सली शीर्ष नेतृत्व के नेता शामिल हैं। गत 18 वर्षों में 856 महिला नक्सली समेत 4576 नक्सलियों मौत हो चुकी है।
मारे गए नक्सलियों में 41 नक्सली शीर्ष नेतृत्व के नेता शामिल हैं। गत 18 वर्षों में 856 महिला नक्सली समेत 4576 नक्सलियों मौत हो चुकी है।