सदस्यता छिन गई , घर छीन लिया गया , वह सड़क पर था , लंबे – लंबे डग भरता चला जा रहा था ,
“ अपनी माँ के पास “ बुदबुदाते हुए – सिविल नाफ़रमानी । उसके पैर दिल्ली में हैं , मन दक्षिण अफ्रीका के पीटरमेरिट्जबर्ग के प्लेटफार्म पर ।
पत्थर की हवेली ठहाके लगा रही थी , – “मिटा के रख देंगे , नाम लेवा कोई नहीं होगा । “
लेकिन सड़क नम थी । दोनों किनारों पर आह पसरा था ।
इतिहास मुस्कुरा रहा था । , अपनी छाती उघार कर दिया , चीख कर बोला पढ़ो –
1893
दक्षिण अफ्रीका का पीटरमैरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन
चलती ट्रेन से एक भारतीय वकील एम के गाँधी को
बाहर फेंका गया था ।
ट्रेन चली गई , गाँधी को ट्रेन से बाहर फेंकने वाले
चले गये ।
गांधी उठा और पूरे अंग्रेज़ी साम्राज्य को भसका दिया
गांधी आज भी पीटरमेरिट्जबर्ग पर खड़ा है । एक तीर्थ बन गया है , एक मंत्र मिलता है –
“ ज़ालिम का कहा मत मानो “
“ अपनी माँ के पास “ बुदबुदाते हुए – सिविल नाफ़रमानी । उसके पैर दिल्ली में हैं , मन दक्षिण अफ्रीका के पीटरमेरिट्जबर्ग के प्लेटफार्म पर ।
पत्थर की हवेली ठहाके लगा रही थी , – “मिटा के रख देंगे , नाम लेवा कोई नहीं होगा । “
लेकिन सड़क नम थी । दोनों किनारों पर आह पसरा था ।
इतिहास मुस्कुरा रहा था । , अपनी छाती उघार कर दिया , चीख कर बोला पढ़ो –
1893
दक्षिण अफ्रीका का पीटरमैरिट्जबर्ग रेलवे स्टेशन
चलती ट्रेन से एक भारतीय वकील एम के गाँधी को
बाहर फेंका गया था ।
ट्रेन चली गई , गाँधी को ट्रेन से बाहर फेंकने वाले
चले गये ।
गांधी उठा और पूरे अंग्रेज़ी साम्राज्य को भसका दिया
गांधी आज भी पीटरमेरिट्जबर्ग पर खड़ा है । एक तीर्थ बन गया है , एक मंत्र मिलता है –
“ ज़ालिम का कहा मत मानो “
नफ़रत ने बँगला छीना , मोहब्बत ने बंगलूर खींच लिया
बापू ! तुम्हारी रवायत ज़िंदा है , तुम्हारे वारिस घूम रहे है जन जन तक , करुणा की अथाह पूंजी उनके पास है ।
चंचल