लाइफस्टाइल

सर्दी में 45 साल से ऊपर के व्यक्ति इस तरह बचें हार्ट अटैक से

By Jagdish Panwar

December 19, 2020

डा. डी.के. ओझाएक्यु. एमडी, एक्युप्रेशर शोध प्रशिक्षण एवं उपचार संस्थान, प्रयाग

सर्दी के महीनों में 45 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने की घटनाएं अत्यधिक होती पाई गई हैं। इस भीषण ठंड में 45 वर्ष स अधिक उम्र के लोगो को सलाह है कि वे रात में 10 बजे सोने के बाद जब भी बिस्तर से उठे तो आप एकदम से ना उठे। क्योंकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता और शरीर छूट जाता है। इसी कारण से हमें अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जिन्हें सुबह या रात में सोते समय पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना यह है कि हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनट में सावधानी बरतनी चाहिए।

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यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है

यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं। जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं। ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ, वह कैसे मर गया।

इसका मुख्य कारण यह है कि रात में जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचानक या ताबड़तोड़ उठते हैं। परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नहीं पहुंचता है। यह साढ़े तीन मिनिट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है।

साढ़े तीन मिनट का प्रयास एक उत्तम प्रयास है। नींद से उठते समय आधा मिनट गद्दे पर लेटे हुए रहिए। अगले आधा मिनट गद्दे पर बैठिए। फिर अगले ढाई मिनट पैर को गद्दे के नीचे झूलता छोड़िए। इससे होगा यह कि साढ़े तीन मिनट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी। इससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होंगी।

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