Friday, April 26, 2024
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हरि नगर नारी निकेतन की चार अधिकारी निलंबित

पत्रिका संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की रिपोर्ट पर हरि नगर स्थित नारी निकेतन व शार्ट स्टे होम की चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। ज्ञात रहे कि आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गत माह नारी निकेतन का औचक निरीक्षण किया था और वहीं रात गुजारी थी। इसके बाद वहां मिली गड़बड़ियों की एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और महिला एवं बाल समाज कल्याण मंत्री संदीप कुमार को सौंपी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री को नारी निकेतन और शॉर्ट स्टे होम्स की स्थिति में सुधार का सुझाव दिया था।

स्वाति मालीवाल ने रिपोर्ट में बताया था कि नारी निकेतन में नियुक्त आला अधिकारियों के चलते यह सब गड़बड़ियां हो रही हैं। इसलिए उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। दिल्ली महिला आयोग की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समाज कल्याण विभाग के मंत्री संदीप कुमार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इसके बाद चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इसमें नारी निकेतन की एक सुप्रीटेंडेंट, शॉर्ट स्टे होम की एक सुप्रीटेंडेंट को निलंबित किया गया। इन दोनों संस्थानों की वेलफेयर ऑफिसर को भी निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समाज कल्याण विभाग को 14 सितंबर तक आयोग की रिपोर्ट में जो खामियां बताई गई हैं, उन्हें दूर करने के लिए एक्शन रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

महिला आयोग की रिपोर्ट में नारी निकेतन व शार्ट स्टे होम्स के लिए दिए गए सुझाव

1. काफी लड़कियां वर्षो से नारी निकेतन व शार्ट स्टे होम्स में रहने को मजबूर हैं। महिला आयोग का सु­झाव है कि लड़कियों के केस के लिए वकीलों को नियुक्त किया जाए। पुलिस कमिश्नर को एक हाई पावर कमेटी बनानी चाहिए।
2. महिला आयोग ने नारी निकेतन और शार्ट स्टे होम के अधिकारियों को बहुत असंवेदनशील पाया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में वहा संवेदनशील अधिकारियों को नियुक्त करने का सुझाव दिया है।
3. नारी निकेतन व शार्ट स्टे होम में रहने वाली लड़कियों की शिकायत थी कि वहा दूध व फल सब आता है। लेकिन मिलता कुछ नहीं है, सब चोरी कर लिया जाता है। पीने के पानी की समस्या से भी वे लोग परेशान थे। सुझाव में कहा गया है कि उन्हें अच्छा खाना दिया जाए और इस बात की निगरानी भी की जाए। वाटर कूलर और वाटर प्यूरीफायर लगाने के लिए भी रिपोर्ट में कहा गया है।
4. 100 लड़कियों के लिए सिर्फ 2 टॉयलेट थे। सफाई कर्मचारी भी सिर्फ चार थे, जो सुबह 8 बजे आते थे और शाम को 4 बजे चले जाते थे। सुझाव में नए टॉयलेट बनाने तथा सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की बात कही गई है।
5. लड़कियों के पास कोई काम नहीं था। उनके लिए कोई वोकेशनल ट्रेनिंग और एजुकेशन की सुविधा प्रदान करने का सुझाव भी दिया गया है।

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