नई दिल्ली। भारतीय संसद के नए भवन का शिलान्यास आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। नया भवन 2022 तक बन कर तैयार होगा। इस भवन में चार फ्लोर होंगे। इसके अंदर कुल 120 ऑफिस स्पेस होंगे। इसमें 6 प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। संसद के नए भवन में निचले सदन लोक सभा के 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। नई इमारत में लोक सभा भूतल में होगी। वहीं उच्च सदन राज्य सभा के 384 सदस्य इसमें बैठ सकेंगे। ऐसा भविष्य में सांसदों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर किया गया है। भारत में अभी लोक सभा में 543 और राज्य सभा में 245 सीटें हैं। नए संसद भवन की संयुक्त बैठक के दौरान वहाँ 1272 सदस्य बैठ सकेंगे।
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आधुनिक डिजिटल सुविधाएं
नए भवन में सभी सांसदों को अलग दफ़्तर दिया जाएगा जिसमें आधुनिक डिजिटल सुविधाएं होंगी ताकि पेपरलेस दफ़्तरों के लक्ष्य की ओर बढ़ा जा सके। नई इमारत में एक भव्य कॉन्स्टीच्यूशन हॉल या संविधान हॉल होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाया जाएगा। वहाँ भारत के संविधान की मूल प्रति को भी रखा जाएगा। साथ ही वहाँ सांसदों के बैठने के लिए बड़ा हॉल, एक लाइब्रेरी, समितियों के लिए कई कमरे, भोजन कक्ष और बहुत सारी पार्किंग की जगह होगी।
इस पूरे प्रोजेक्ट का निर्माण क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर होगा। यह मौजूदा संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक होगा।अधिकारियों के अनुसार मौजूदा संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय आयोजनों के लिए किया जाएगा।
आने वाली पीढ़ियां गर्व करेंगी
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये संसद भवन के शिलान्यास को ऐतिहासिक और भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा और 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा। नए संसद भवन का भूमि पूजन कर शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि नये संसद भवन का निर्माण समय और जरूरतों के अनुरूप परिवर्तन लाने का प्रयास है और आने वाली पीढ़ियां इसे देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है। मोदी ने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ तो नये भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।
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971 करोड़ रुपए की लागत
जहां तक नए संसद भवन की लागत की बात है, बताया गया है कि भारतीय संसद के नए भवन को 971 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। इसे करीब 64500 वर्ग मीटर के इलाके में बनाया जाएगा। नई इमारत बनाने का ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है। उसने सितंबर 2020 में बोली लगाकर ये ठेका हासिल किया था। नया संसद भवन सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट का खाका गुजरात स्थित एक आर्किटेक्चर फ़र्म एचसीपी डिज़ाइन्स ने तैयार किया है।
लोकसभा सचिवालय के अनुसार ऐसी उम्मीद की जा रही है कि नया संसद भवन अक्तूबर 2022 तक बन जाएगा। संसद की नई इमारत के अलावा इस प्रोजेक्ट के तहत एक कॉमन केंद्रीय सचिवालय बनाया जाएगा, वहाँ मंत्रालयों के दफ़्तर होंगे।
राजपथ को नया रूप
साथ ही राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को भी नया रूप दिया जाएगा। हालाँकि इसके निर्माण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अदालत ने अभी केवल आधारशिला रखने की इजाज़त दी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात का भरोसा दिया है कि इससे संबंधित याचिकाओं पर जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फ़ैसला नहीं दे देती तब तक सरकार किसी भी तरह के निर्माण या तोड़.फोड़ का काम नहीं करेगी। मौजूदा संसद भवन एडविन लुटियंस के डिजाइन के आधार पर बनाया गया था जो 1921 में बनकर तैयार हो गया था। इसे बनाने में उस समय 83 करोड़ रुपये का खर्च आया था। 566 मीटर व्यास वाले संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था। ये छह साल में बनकर तैयार हुआ था। इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था।
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