Friday, April 26, 2024
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किसानों ने शुरू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

संतोष सिंह

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली और आसपास डटे किसानों ने आंदोलन और तेज करने की कवायद शुरू कर दी है। किसानों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। किसानों का एक समूह बारी-बारी से 24 घंटे की भूख हड़ताल  पर बैठेगा। पांच दौर की बैठक विफल रहने के बाद, सरकार ने रविवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों से अगले दौर की बातचीत के लिए तारीख तय करने को कहा था। इस महीने की शुरुआत से किसानों का यहा तीसरा बड़ा प्रदर्शन है। इससे पहले किसानों ने भूख हड़ताल और भारत बंद का आह्वान किया था

वार्ता के लिए तय करे तारीख

केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को रविवार को आमंत्रित किया और कहा कि वे वार्ता के लिए तिथि तय करें। सरकार ने कहा है कि कृषि कानूनों में पहले जिन संशोधनों का प्रस्ताव दिया गया था, उन्हें लेकर जो चिंताएं हैं, संगठन वे भी बताएं। 

भूख हड़ताल में शामिल होने की अपील

स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने रविवार कहा, ‘‘किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ सभी प्रदर्शन स्थलों पर सोमवार को एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। इसकी शुरुआत सिंघु बॉर्डर समेत यहां प्रदर्शन स्थलों पर 11 सदस्यों का एक दल करेगा।

”उन्होंने कहा, ‘‘हम देशभर में सभी प्रदर्शन स्थलों पर मौजूद सभी लोगों से इसमें भाग लेने की अपील करते हैं।”

स्वराज इंडिया प्रमुख योगेंद्र यादव

तोमर के बातचीत करने की संभावना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक या दो दिन में प्रदर्शनकारी समूहों से उनकी मांगों पर बातचीत कर सकते हैं। शाह ने कहा, ‘‘मुझे समय की सही जानकारी नहीं है, लेकिन तोमर के कल या परसों किसान प्रतिनिधियों से उनकी मांगों पर बातचीत करने की संभावना है।”

किसानों ने मनाया श्रद्धांजलि दिवस

पंजाब और हरियाणा के किसानों ने रविवार को श्रद्धांजलि दिवस मनाया और उन किसानों को श्रद्धांजलि दी, जिनकी मौत आंदोलन के दौरान हुई है. किसान संगठनों का दावा है कि आंदोलन में शामिल 30 से अधिक किसानों की दिल का दौरा पड़ने और सड़क दुर्घटना जैसे विभिन्न कारणों से मौत हुई है।

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आंदोलन को विफल करना चाह रही सरकार

भारतीय किसान यूनियन ने रविवार को कहा कि एक केंद्रीय एजेंसी ने उससे उसकी पंजीकरण की जानकारी जमा करने को कहा है, जो उसे विदेशी धनराशि प्राप्त करने की इजाजत देती है. बीकेयू के अध्यक्ष जोगिंदर उग्राहां और महासचिव सुखदेव सिंह ने केंद्र सरकार की मांग के बारे में खुलासा किया और आरोप लगाया कि

‘‘केंद्र सभी रणनीति का उपयोग कर रहा है क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य आंदोलन को विफल करना है।”

भारतीय किसान यूनियन

पीएम के मन की बात के दौरान थालियां बजाएं

भारतीय किसान यूनियन के नेता ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि, ‘‘25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी टोल बूथ पर हम टोल वसूली नहीं होने देंगे, हम उन्हें ऐसा करने से रोकेंगे। 27 दिसंबर को हमारे प्रधानमंत्री अपने ‘मन की बात’ करेंगे और हम लोगों से अपील करना चाहते हैं कि उनके भाषण के दौरान ‘थालियां’ बजाएं।”

राजनीतिक कारणों से विरोध : खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि चंद लोग “राजनीतिक कारणों” से इन अधिनियमों का विरोध कर रहे हैं. खट्टर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर किसी को अपने विचार रखने का अधिकार है लेकिन सड़क बंद कर दबाव बनाने के लिए कोई जगह नहीं है। खट्टर ने दोहराया कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को किसी तरह का खतरा होता तो वह राजनीति छोड़ देते।

किसानों के जीवन में समृद्धि लाने के लिए संकल्पित

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार किसानों के जीवन में समृद्धि लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है क्योंकि उनकी सम्पन्नता से ही देश की प्रगति सुनिश्चित होगी. योगी ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन का भी जिक्र किया और विपक्ष पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया.

केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने आज कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का प्रदर्शन ‘राजनीतिक अधिक’ है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री ने किसानों के साथ संवाद से पूर्व यहां संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि

‘‘पिछले छह महीने में जो कुछ किया गया है, उनसे वास्तविक किसान बहुत खुश हैं.”

केंद्रीय मंत्री वी के सिंह

नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान डटे हुए हैं. केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.

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