Thursday, May 2, 2024
Homeअन्यDelhi Wrestlers Protest : अटल बिहारी वाजपेयी ने तो एक गुमनाम चिट्ठी...

Delhi Wrestlers Protest : अटल बिहारी वाजपेयी ने तो एक गुमनाम चिट्ठी पर ही करा दी थी राम रहीम को जेल 

चरण सिंह राजपूत 
बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के निर्वतमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगा दिल्ली जंतर मंतर पर आंदोलन कर रहीं अंतर्राष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट ने एक अख़बार को इंटरव्यू देते हुए कहा है कि उनके साथ भी यौन शोषण हुआ है।

उन्होंने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पर आरोप लगाया है कि जब उन्होंने उनसे आप बीती उन्हें बताई तो उन्होंने उनकी आंखों में आंख डालकर उनसे इस आरोप के सबूत मांगे। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एक साध्वी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को गुमनाम चिट्ठी लिखी थी तो क्या किसी ने सबूत मांगे थे ?
यह अटल बिहारी वाजपेयी की नैतिकता, जिम्मेदारी और जवाबदेही ही थी कि उस मामले में राम रहीम के खिलाफ न केवल एफआईआर दर्ज कराते हुए उसकी गिरफ्तारी हुई थी बल्कि  20 साल की सजा भी हुई। क्या राम रहीम से बड़ा जनाधार बृजभूषण शरण सिंह के पास था ?

यदि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात करें तो वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा तो देते हैं पर इस तरह के मामलों पर चुप्पी साध जाते हैं। यही विनेश फौगाट और बजरंग पुनिया मेडल जीतकर आये थे तो मोदी इनकी उपलब्धि पर गौरवान्वित होते हुए इन दोनों कोअपने परिवार का सदस्य बता रहे थे। किसी भी समस्या पर उनसे मिलने की बात कर रहे थे और अब जब एक माह से ये लोग जंतर मंतर पर बैठे हैं तो ये लोग उन्हें दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। जहां तक आंदोलन के राजनीतिकरण और आंदोलन में किसान नेताओं और खाप पंचायतों के आने की बात है तो जनवरी में तो किसी संगठन का कोई नेता इस आंदोलन में नहीं आया था। जब आंदोलित पहलवानों की एक न सुनी गई तब जाकर बजरंग पुनिया ने लोगों के उनके आंदोलन को समर्थन देने की अपील की। उस अपील के बाद ही राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ ही किसान नेता और खाप पंचायतों के नेताओं ने आंदोलन को समर्थन दिया है। मतलब पीएम मोदी में दिखावा तो करते हैं पर नैतिकता और जवाबदेही नहीं दिखाते । मीडिया को हाईजैक कर बस अपनी महिमा मंडन कराने में लगे हैं।

दरअसल  बृजभूषण शरण सिंह और राम रहीम का मामला कुछ एक जैसा ही है। राम रहीम मामले में भी गुमनाम साध्वी ने अपने साथ दुष्कर्म के साथ ही लगभग 1000 साध्वियों के साथ यौन शोषण के आरोप लगाए थे। ऐसे ही विनेश फौगाट ने भी अपने साथ यौन शोषण के साथ ही लगभग 1000 महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप बृजभूषण शरण के खिलाफ लगाए हैं।
हां उस समय प्रधानमंत्री आज़ादी की लड़ाई के समय से संघर्ष करने वाले बीजेपी को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी थे तो अब जुमलेबाजी में महारथ हासिल करने वाले मोदी। उस समय तो वाजपेयी ने एक गुमनाम साध्वी की एक चिट्ठी को ही सबूत माना था और अब पीएम मोदी के मंत्री अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों से भी सुबूत मांग रहे हैं।
दरअसल आज की तारीख में नैतिकतावादी नेताओं का घोर अभाव है। लगभग सभी नेता सत्ता के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। वोटबैंक और वोटबैंक रखने वाले नेताओं के लिए राजनीतिक दलों के मुखिया कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।  अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयास से तो राम रहीम जेल गए थे पर मोदी के राज में वह पैरोल पर खुलकर बीजेपी नेताओं से मिलते हैं। गत दिनों बागपत में उनके आश्रम में करनाल की बीजेपी मेयर समेत कई नेता उनसे मिले थे।
बृजभूषण के मामले भी ऐसा ही हो रहा है। बृजभूषण शरण सिंह गोंडा में कई विधानसभाओं की सीटें प्रभावित करते हैं। यह वजह है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी बृजभूषण शरण सिंह के बारे में बोलने लगे थे कि वह कुछ भी कर सकते हैं पर यौन शोषण नहीं कर सकते। मतलब वह भी उनके वजूद को देखते हुए उनकी पैरवी करने लगे थे।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments