नेहा राठौर
आज के दिन यानी 7 मार्च को अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को 1876 को टेलीफोन बनाने का प्रथम पेटेंट प्राप्त किया था। एक समय था जब लोग एक दूसरे को संदेश पहुंचाने के लिए पक्षियों और संदेशवाहक का इस्तेमाल किया करते थे। उन्हें आपने संदेश का जवाब पाने के लिए कई-कई दिनों तक इंतज़ार करना पड़ता था और उसके बाद टेलीफोन का दौर आया, जिसमें जब संदेश भेजने के लिए किसी पक्षी की जरूरत नहीं पड़ती थी और अब तो किसी से बात करने के लिए दिनों तक इंतजार भी नहीं करना पड़ता। फोन घुमाते ही सारा काम हो जाता है और इसका सारा श्रेय जाता है अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को। अलेक्जेंडर की तरह टेलीफोन के बनने की कहानी बहुत रोमांचक है।
बेल और वाटसन
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल एक महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने अपने जीवन में कई अविष्कार किए, टेलीफोन उनमें से एक है। इस टेलीफोन के आविष्कार से पहले वे टेलीग्राफ को सुधारने में लगे हुए थे। उसके बाद वे एक कारखाने में गए। वहां पर उनकी मुलाकात एक विद्युत इंजीनियर थॉमस वाटसन से हुई। थॉमस वाटसन भी टेलीग्राफी में काफी माहिर थे। दोनों एक जैसे थे इसलिए कुछ ही दिनों में दोनों में खूब पटने लगी। बेल अपने यंत्रों के नक्शे तैयार करता और वाटसन उनके मॉडल बनाता था।
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आखिरकार टेलीफोन बनकर तैयार हो गया। यह किस्सा 2 जून,1875 का हैं जब ग्राहम बेल और थॉमस वाटसन दोनों टेलीग्राफी से संबंधित कुछ प्रयोग कर रहे थे। इस प्रयोग में वे एक तार पर एक साथ कई संदेश भेजने का प्रयास कर रहे थे। तभी बेल के दिमाग में तार द्वारा ध्वनि भेजने की बात आई।
टेलीफोन पर बेल के पहले शब्द
एक दिन जब टेलीग्राफ के रिसीवर पर बेल एक कमरे में काम कर रहे थे और वाटसन दूसरे कमरे में काम कर रहे थे। बेल रिसीवर उठाये हुए कुछ सुनने का यत्न कर रहे थे। जब तारों की थिरकन बंद हुई तो वाटसन ने उस पर उंगली मारकर आवाज पैदा की। बेल को वो आवाज सुनाई दी। उसके बाद मानो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। वह भागकर वाटसन के पास गए और उन्हें कहा कि मैंने तुम्हारी उंगली की आवाज़ सुनी। इसके बाद उन्होंने कुछ और प्रयोग किए, जिनमें उन्हें सफलता मिली। उस वक्त बेल ने अपने बनाए टेलीफोन पर सबसे पहले शब्द ‘वाटसन! वाटसन! यहां आओ मुझे तुम्हारी जरूरत है’ कहे थे। इसके बाद टेलीफोन में कई सुधार किए गए और 1876 में बेल ने टेलीफोन बनाने का प्रथम पेटेंट प्राप्त किया और उसके एक साल बाद उन्होंने बेल टेलीफोन कंपनी की नींव डाली।
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