Saturday, April 27, 2024
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आज़ाद भारत में पहली बार होगी एक महिला को फांसी

नेहा राठौर

आज़ादी के 74 साल बाद पहली बार भारत में किसी महिला अपराधी को फांसी पर लटकाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की शबनम और उसके प्रेमी सलीम को एक साथ उनके किये की सज़ा फांसी पर लटका कर दी जाएगी। फांसी के लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। शबनम को मथुरा में स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते महिला फांसी घर में फांसी दी जाएगी। यह जेल 150 साल पहले बनाई गई थी। निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद अब तक दो बार फांसी घर का निरीक्षण कर चुके है।

सर्वोच्च न्यायालय से पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब हत्या के आरोप में बंद शबनम की फांसी की सजा को राष्ट्रपति ने भी जारी रखा है, ऐसे में अब फांसी का टलना न के बराबर हो माना जा रहा है। डेथ वारंट आते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी। शबनम को फांसी पर लटकाने के लिए बिहार से बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है ताकि फांसी के समय किसी तरह कोई समस्या पैदा न हो।

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सात लोगों का किया खुन

अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी में रहने वाली 25 वर्षिय शबनम सलीम नाम के युवक से प्रेम करती थी। सूफी परिवार की शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल में एमए तक की पढ़ाई की है। उसके परिवार के पास काफी ज़मीन थी। वहीं उसके उलट सलीम पांचवी फेल और पेशे से एक मज़दूर था। इस लिए दोनों के संबंध का परिजनों ने विरोध किया, जिसके बाद शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात सलीम के साथ मिलकर अपने परिजनों को मौत की नींद सुला दिया था। शबनम ने माता-पिता और दस महीने के भतीजे समेत सात लोगों को पहले बेहोशी की दवा खिलाई और बाद में कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया था।

हत्या के बाद ज़ोर-ज़ोर से रोना और चीखना शुरू कर दिया। जब पड़ोसियों ने खून से लथपथ सात लाशें देखी तो दंग रह गए और तुरंत पुलिस को बुलाया गया। शबनम ने पुलिस को बताया कि उसके घर में लुटेरे घुसे और पूरे परिवार की हत्या कर दी और वह इसलिए बच गई, क्योंकि वह बाथरूम में थी। लेकिन पोस्टमॉर्टम से सब पुलिस को पता चल गया कि यह सब शबनम ने किया है। पुलिस को पता चला की शबनम गर्भवती है, जिससे शक यकीन में बदल गया। पुलिस ने शबनम के कॉल डिटेलस निकलवाई जिसमें पता चला कि हत्या वाली रात शबनम की एक ही व्यक्ति की लगातार कई बार बात हुई थी और वह था सलीम। इसके बाद पुलिस ने सलीम को धर दबोचा। पुलिस की पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना गुनाह कबूल किया और सलीम ने हत्या में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी के बारे में बताया।

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प्यार में लोगों को जीना सिखाता है किसी की जान लेना नहीं, जो प्यार के नाम पर किसी की जान ले ले वो प्यार नहीं हो सकता। शबनम ने जो अपने प्यार के नाम पर किया उससे उसे सिवाए फांसी के कुछ हासिल नहीं हुआ। शबनम यह समझ ही नहीं पाई कि कुछ महीनों के प्यार के लिए वह अपने परिवार की जान ले रही है, जिन्होंने उसकी हर छोटी-छोटी ग़लतियों को माफ़ किया, उसे प्यार दिया।

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