पूर्व रक्षा मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे शरद पवार ने एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। शरद पवार 1999 में एनसीपी की स्थापना के बाद से इसके अध्यक्ष हैं।
82 साल पवार ने मुंबई में जैसे ही इसका ऐलान किया, पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया और कहा कि उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए। दरअसल अजित पवार को लेकर पार्टी में खींचतान चल रही है। शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाई थी।
शरद पवार ने एलान किया है कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने पद से इस्तीफा देने की बात कही। पवार ने कहा कि अब मैं चाहता हूं कि एनसीपी की जिम्मेदारी कोई और संभाले। मैंने कई साल तक पार्टी की जिम्मेदारी संभाली है और अब पार्टी का नेतृत्व नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में सक्रिय रहेंगे, लेकिन पार्टी अध्यक्ष पद से रिटायर होना चाहते हैं।
शरद पवार के इस एलान के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर पवार यह पद किसे सौंपने जा रहे हैं। दरअसल, राकांपा के अध्यक्ष पद के लिए अजित पवार भी प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखे जाते हैं। वहीं, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को पवार का उत्तराधिकारी माना जाता है। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष की जंग आने वाले समय में दिलचस्प हो सकती है।
पहले ही संगठन में बदलाव का इशारा कर चुके हैं पवार
इससे पहले पिछले हफ्ते पवार ने मुंबई में आयोजित युवा मंथन कार्यक्रम में रोटी पलटने की बात कह डाली। पवार बोले, ‘किसी ने मुझे कहा कि रोटी सही समय पर पलटनी होती है और अगर सही समय पर नहीं पलटी तो वो कड़वी हो जाती है। अब सही समय आ गया है रोटी पलटने का, उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आग्रह करूंगा की वो इस पर काम करें।’
पवार का ये बयान ऐसे समय आया था, जब उनके भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार के नए राजनीतिक कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं हैं। दावा किया जा रहा है कि वह भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं। हालांकि, अजित पवार इन अटकलों को खारिज भी कर चुके हैं।
तो भतीजे या बेटी को पार्टी की कमान सौंप सकते हैं पवार
शरद पवार ने युवा मंथन कार्यक्रम में अपनी बात रखी है। ऐसे में हो सकता है कि अब पवार पार्टी की जिम्मेदारी किसी युवा हाथों में देना चाहते हों। इसमें दो बड़े नाम हैं। पहला उनकी बेटी सुप्रिया सुले और दूसरा उनके भतीजे अजित पवार हैं। अजित पवार को लेकर हाल के दिनों में कई अटकलें लग चुकी हैं। संभव है कि पवार इन्हीं दोनों में से किसी एक को पार्टी की कमान सौंप दें। इसके जरिए वह युवाओं के बीच संदेश देना चाहते हों कि एनसीपी में युवाओं के लिए अवसर है और एनसीपी युवाओं को आगे बढ़ाती है।