नई दिल्ली लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी कांग्रेस की तरफ से जारी भारी हंगामे पर कार्रवाई करते हुए कांग्रेस के 25 सांसदों को अगले पाँच दिन के लिए निलंबित कर दिया। 16वीं लोकसभा में अध्यक्ष की ओर से सदस्यों के खिलाफ की गयी अब तक की यह सबसे कड़ी कार्रवाई है। कांग्रेस सदस्यों द्वारा भाजपा के विपक्ष में रहते हुए यही आचरण करने के तर्को के जवाब में अध्यक्ष ने कहा कि सालों साल से यही होता आ रहा है। इसे कहीं तो रोकना होगा ना। अध्यक्ष ने कहा, “मैं आज बहुत व्यथित हूं। मैंने दो ही बातें कही। पोस्टर नहीं दिखाओ, आसन के समक्ष नहीं आओ। लोग कह रहे हैं कि सालों साल से यह चल रहा है। तो क्या हम सब खड्ड में जाने दें। उन्होंने किया तो तुम भी करोगे। कहीं तो रूकना होगा।’’ सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और उसकी कुछ मांग है लेकिन यदि सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो सदन का चलना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि निलंबन की कार्रवाई से स्थिति और खराब हो जाएगी। इस पर अध्यक्ष ने कहा, “सुदीप आप बोलिए, लेकिन मैं आज किसी की सुनने वाली नहीं हूं। मुझे सदन के बाकी सदस्यों का भी तो ध्यान रखना है जो अपनी बात कहना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि बीजद, जनता दल यू और माकपा तथा अन्य दलों के लोग अपनी बात रखना चाहते हैं।” अध्यक्ष द्वारा इन सदस्यों को निलंबित करने की चेतावनी दिए जाने पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे जब बोलने के लिए खड़े हुए तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर जबरदस्त शोर मचाया जिस पर खड़गे ने कहा, “मैं घबराने वाला नहीं हूं। तुम सब भी खड़े रहो तो भी मैं डरने वाला नहीं हूं।’’ उन्होंने कहा कि हम नौ दिन से न्याय मांग रहे हैं। सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। लेकिन हमारी बात सुनी नहीं जा रही। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते भाजपा ने यही प्रथा डाली है कि पहले इस्तीफा हो फिर चर्चा हो। खड़गे ने कहा, “जो तरीका उन्होंने तब अपनाया था, वही हमने अब अपनाया है।’’ अध्यक्ष के इस फैसले से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी काफी आक्रोशित नजर आयीं और उन्होंने खड़गे से अपनी बात रखने को कहा। जारी :
इससे पूर्व, विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी और हंगामे के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चूंकि मंत्रियों के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं है, अदालत की कोई टिप्पणी नहीं है और प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं है, ऐसे में उनके इस्तीफे की मांग का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भी कुछ गलत होने की बात नहीं कही है। उन्होंने कहा, “हम चर्चा से भाग नहीं रहे हैं और हम इसके लिए तैयार हैं।’’ संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने इस बीच कहा कि आसन के सामने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों के बीच जाकर उन्हें कार्रवाई के बारे में चेतावनी देने या धमकाने के उन पर लगाए जा रहे आरोप सरासर गलत हैं। नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी सदस्यों ने रूडी के उनके पास आने पर आपत्ति जतायी थी और आरोप लगाया था कि वह उन्हें धमका रहे हैं। हंगामे के बीच ही गौरव गोगोई ने भाजपा सदस्य रामबीर सिंह विधूड़ी का नाम लेकर उन पर विपक्षी सदस्य रंजीत रंजन का अपमान करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की अध्यक्ष से मांग की जिसे महाजन ने अनसुना कर दिया। सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई जारी रहने के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी आसन के समक्ष आ गए।
अध्यक्ष ने सदस्यों को निलंबित करने के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। निलंबन के बाद निलंबित कांग्रेसी सदस्य आसन के समक्ष ही कुछ देर तक धरना देकर बैठ गए। सोनिया और राहुल गांधी को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श करते देखा गया। निलंबित किए गए कांग्रेस के 25 सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं : बी एन चंद्रप्पा, संतोष सिंह चौधरी, अबु हसन खान चौधरी, सुष्मिता देव, आर ध्रुव नारायण, निनोंग ईरिंग, गौरव गोगोई, सुकेंद्र रेड्डी गुथा, दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, के सुरेश, एस पी एम गौड़ा, अभिजीत मुखर्जी, मुल्लापल्ली रामचंद्रन, के एच मुनियप्पा, बी वी नायक, विसेंट एच पाला, एम के राघवन, रंजीत रंजन, सी एल रूआला, ताम्रध्वज साहू, राजीव शंकर सातव, रवनीत सिंह, डी के सुरेश, के सी वेणुगोपाल और थोकचोम मेनिया हैं।