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बहुसंख्यकवादी राजनीति का जीवन सीमित: कांग्रेस

By अपनी पत्रिका

January 09, 2015

 नई दिल्ली।कांग्रेस ने आज कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की पराजय यह साबित करती है कि ‘‘बहुसंख्यकवादी राजनीति’’ का जीवन सीमित होता है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर अपनी टिप्पणी में कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा आपको यह बताता है कि बहुसंख्यकवादी राजनीति की एक सीमित जीवन अवधि है। अंतत: बहुसंख्यक इसे खारिज करते हैं। झा ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि राष्ट्रपति राजपक्षे अहंकार के नशे में थे। चुनाव को निर्धारित समय से पहले 2015 में कराया गया (जो अंकों के हिसाब से आठ बनता है) और अंधविश्वासी कारणों के चलते चुनाव ‘‘आठ’’ जनवरी को कराया गया। श्रीलंका की राजनीति में पिछले एक दशक से अधिक समय की सबसे बड़ी उठापटक में विपक्षी उम्मीदवार मैत्रीपाला सिरीसेना ने आज राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को कड़ी टक्कर देते हुए पछाड़ दिया और इसके साथ ही राजपक्षे के 10 साल के शासन का अंत हो गया। राजपक्षे के मंत्रिमंडल के एक पूर्व सहयोगी और श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के महासचिव, 63 वर्षीय सिरीसेना अब तक हुई मत गणना में राजपक्षे से काफी आगे हैं।