गांधीनगर। भारतवंशियों से देश के विकास में और ज्यादा जुड़ने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि नयी मजबूती से भारत का ‘उदय’ होने के साथ उनके लिए देश में बहुत सारी संभावनाएं इंतजार कर रही हैं। यहां 13वें प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया बड़ी उम्मीदों के साथ भारत की तरफ देख रही है और उसमें विश्वास एवं क्षमता की जरूरत है। महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के 100 साल पूरे होने के बीच इस साल प्रवासी दिवस आयोजित हो रहा है।
भारतवंशियों को देश की ‘बड़ी पूंजी’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने 200 से अधिक देशों में रह रहे इन 2.5 करोड़ लोगों के इस समुदाय से देश को बदलने में मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात का यकीन हो गया है कि भारतीय मूल के लोग हमारी पूंजी और ताकत हैं। अगर हम इस खंड पर ध्यान दें तो हम दुनिया भर में देश के लिए बहुत सम्मान का निर्माण कर सकते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने भारतवंशियों से भारत को बदलने में मदद करने की अपील करते हुए साफ किया कि सरकार केवल ‘पाउंड स्टर्लिंग और डॉलर’ में रुचि नहीं रखती। उन्होंने 2001 में भूकंप के बाद पुनर्वास कार्य में मदद के लिए महीनों कच्छ में रहने वाली अफ्रीका के एक देश में जन्मी और कनाडा में बसी भारतीय मूल की एक मुस्लिम युवती का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘जो काम करना चाहते हैं, यहां उनके करने के लिए बहुत कुछ है।’’ मोदी ने हाल में एक अध्यादेश के माध्यम से पीआईओ और ओसीआई कार्ड को मिलाने और कई देशों के लिए आगमन पर वीजा की सुविधाएं उपलब्ध कराने की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने उनसे (प्रवासी भारतीयों) किए गए वादों को पूरा किया।
मोदी ने इस मौके पर मौजूद करीब 4,000 भारतवंशियों से कहा, ‘‘एक समय था जब आप अवसरों की तलाश में अपने प्रिय देश को छोड़कर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में गए थे..अब मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि समय के तेजी से बदलने और भारत के नयी ताकत के साथ उभरने के साथ बहुत सारी संभावनाएं आपका इंतजार कर रही हैं।’’ कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट हस्तियों में गुयाना के राष्ट्रपति डोनाल्ड आर रामावतार, दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री माइते कोआना-माशाबाने, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद और गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल शामिल थे।
मोदी ने गांधी को याद करते हुए कहा कि मानव विकास और दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों के हल के लिए उनका दर्शन और शिक्षाएं आज भी दुनिया को प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब बात मानवीयता को मूल में रखकर विकास करने की आती है तो महात्मा गांधी के दर्शन से बेहतर कुछ नहीं है।’’ भारतवंशियों से स्वच्छ गंगा मिशन में शामिल होने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि यह अभियान केवल धार्मिक या पर्यावरण संबंधी नजरिए के लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी के आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें 50 राष्ट्राध्यक्षों से मिलने का मौका मिला और सभी भारत के साथ बेहतर जुड़ाव चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया हमें गले लगाने के लिए आगे बढ़ रही है।’’ मोदी ने कहा कि यह अब भारतीयों की जिम्मेदारी है कि वह आत्मविश्वास के साथ दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरे।
इस मौके पर मोदी 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू किए गए इस वार्षिक कार्यक्रम के प्रति उत्साह की कमी को लेकर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते दिखे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपमें कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर उत्साह नहीं दिखा। कुछ लोग आते थे क्योंकि उन्हें आने की जरूरत थी और कुछ लोग आए क्योंकि वह मदद नहीं कर सकते थे लेकिन आ सकते थे।’’ मोदी ने कहा कि वह कार्यक्रम के महत्व में अपने विश्वास की वजह से नियमित तौर पर इसमें शामिल होते रहे। उन्होंने भारत और भारतवंशियों के बीच भावनात्मक जुड़ाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि वार्षिक कार्यक्रम का बहुत महत्व है और इसे केवल निवेश के लिहाज से नहीं देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ लोगों को लगता है कि प्रवासियों के साथ यह संबंध अपेक्षाओं की वजह से है, मुझे लगता है कि अपने लोगों से मिलना अपने आप में एक खुशी है।’’ विदेशों में रहने वाले भारतीयों की समस्याओं की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से यात्रा को प्राधिकृत करने के लिए एक तंत्र बनाया गया है। मोदी ने कहा, ‘‘अब आप ऐसा ऑनलाइन पत्राचार द्वारा कर सकते हैं ताकि आपका समय बचे और हमारा दूतावास आपके लिए सबसे उपयोगी हो।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीआईओ कार्डधारकों के सत्यापन के लिए हर हफ्ते पुलिस थाने जाने की जरूरत वाला नियम हटा लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले से पता चलता है कि सरकार आपके स्वाभिमान एवं सम्मान को कितना महत्व देती है।’’ मोदी ने साथ ही अपने एक प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित करने की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 177 देशों ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया और संयुक्त राष्ट्र ने 100 दिनों के भीतर यह घोषणा की जो इस बात का छोटा सा परिचायक है कि कैसे दुनिया भारत को गले लगाने के लिए तैयार है।’’