नईदिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बढ रहे प्रदूषण के कारण दिल्ली की आवो हवा लगातार दूषित हो रही है ।सरकार का कहना है कि डीजल की गाडियों से निकलने वाला यह काला धुँआ दिल्ली के लोगो के लिए काल बनता जा रहा है। सरकार भी प्रदूषण का मुख्य कारण दिल्ली में चलने वाली डीजल की गाडियों को मान रही है। जिसके चलते डीजल की 10 साल से ज्यादा पुरानी गाडियों को दिल्ली की सडको से हटाने का फैसला लिया और नियम को सख्ती से लागू करने का आदेश जारी कर दिया है।
सरकारी फरमान को लागू कर 10 साल पुरानी डीजल गाडियों को बंद करने और दिल्ली की सडको से हटाने के लिए दिल्ली ट्रेफिक पुलिस ने अभियान की शुरूआत की, ट्रको की चेकिंग करते ट्रेफिक पुलिस का नजारा देखने के लिये लोगों का हूजूम उमड रहा है। दिल्ली करनाल बाईपास रोड का जहां से आजादपुर मंडी और दिल्ली चंडीगढ के लिए काफी संख्या में ट्रक आवा जाही करते है,इसके अलावा बदरपुर बार्डर जहां से हरियाणा के वाहन आते है और कापसहेडा बार्डर जहां से राजस्थान के वाहन आते है और नोएडा के रास्तों पर चेंकिग की जा रही हैं। वहां सरकारी फरमान को अमलीजामा पहनाने के लिए ट्रेफिक पुलिस के एसीपी और ट्रेफिक इन्स्पेक्टर समेत ट्रेफिक पुलिस के जवान पुरानी गाडियों के पेपर चेक कर रहे है ! ट्रेफिक एसीपी सुरेश ने फोन पर बताया की रात 1 बजेतक ऑउटर और नार्थ वेस्ट डिस्ट्रिक में तकरीबन 40 पुरानी डीजल गाडियों को जफत किया गया जबकि कुल मिलाकर 185 गाडियों के आस पास जफत किये जाने की सूचना आ रही है।
आपरेटरों ने किया विरोध
दिल्ली में बाहर आने वाले टकों के आपरेटरों ने इस फरमान पर दुख जताते हुए कहा कि सरकार ने हमारे बारे में कुछ नही सोचा और फरमान सुना दिया । उनके अपने सरकारी विभाग में इतनी बडी संख्या में टक है कि पूरी दिल्ली को तो क्या , अगल बगल के राज्य को भी प्रदूषित कर सकते हैं।उनपर यह आदेश लागू नही होता , डीटीसी की खटारा बसों से पूरी दिल्ली परिचित है और आयेदिन यह जहां तहां खडी हो जाती है। उनको हटाने के प्रयास करना चाहिये । हम तो थोडे समय मंडी में जाते है और उसके बाद अपने गतंव्य तक वापस लौट जाते है। प्रदूषण तो उनके अपने वाहनों से है , पहले उन्हें हटायें ।उन्होनें कहा कि लेकिन हैरानी की बात ये की जायदा ट्रको पर ओन ड्यूटी एमसीडी का बोर्ड लगा हुआ था ऐसे में सवाल कई उठते है क्या दिल्ली के सरकारी विभागों के अंतर्गत कितनी ऐसी गाडिया दौड रही है जो की 10 साल से ज्यादा पुरानी है।उनपर कारवाई होगी ।
शुक्रवार को करेगें चक्का जाम
आजादपुर टक आपरेटर संध के आपरेटरों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नही मानती है तो वह हडताल पर जायेगें और चक्काजाम करेगें , जिससे महंगाई बढेगी । यह काम सिर्फ मुनाफाखोरों को लाभ देने के लिये किया गया है जिससे दिल्ली की जनता का कोई लाभ नही होने वाला । उन्होने तत्काल इस फरमान की समीक्षा कर वापस लेने की मांग की हैं ।
अंदर के वाहनो के लिये भी हो फरमान
आपरेटरों ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रवेश चाहने वाले वाहनो ंके लिये व्यवस्था की जा रही है और अंदर जो वाहन चल रहें है उस पर रोक लगाने के लिये कोई प्रयास नही किया जा रहा है जबकि पहले उन्हे ंकम करना चाहिये । सबसे ज्यादा प्रदूषण वही फैला रहें है। इस क्रम में उन्होनें जो सबसे पहले नाम लिया वह एमसीडी का था।
वाहन डीलरों ने जताया खुशी
पीरागढी वाहन विक्रेता संघ के महामं़त्री विजय अरोडा ने सरकार के इस कदम पर खुशी जताई और कहा कि इससे बंद पडा यह कारोबार फिर से फलने फूलने लगेगा और दिल्ली को पुराने वाहनों से निजात मिल पायेगी । उन्होने कहा कि इसमें सबसे पहले टक ,फिर आटो और चार पहिया वाहन आयेगें । जिन्होने हरी भरी दिल्ली की शक्ल को बिगाड रखा है और लोगों का सडको ंपर चलना मुश्किल हैं।
पुराने वाहनों की धरपकड शुरू , सभी बार्डरों पर हो रही चेंकिग
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