नई दिल्ली। एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की जांच शुरू कर दी है वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने आज कहा कि इसे हत्या का मामला मानने के लिए प्रथम दृष्टया कारण हैं। बस्सी ने कहा कि एसआईटी ने मामले की तहकीकात के लिए एक कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया है। उन्होंने जन्दी ही थरूर से पूछताछ किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया और कहा कि मामले को सुलझाने के लिए ”जो भी आवश्यक होगा, किया जाएगा।’’दिल्ली पुलिस ने एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सुनंदा की मौत के सिलसिले में कल आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया था। रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि उनकी मौत अस्वाभाविक थी और यह जहर के कारण हुई, लेकिन अभी तक किसी को संदिग्ध नहीं बनाया गया है। यह प्राथमिकी अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गयी है। जांचकर्ताओं ने उनके विसरा नमूनों को ब्रिटेन या अमेरिका की प्रयोगशाला में भेजने का निर्णय किया है ताकि जहर की पहचान की जा सके, साथ ही यह भी पता लगाया जा सके कि क्या वह रेडियोधर्मी समस्थानिक (आइसोटोप) है जिसकी पहचान भारतीय प्रयोगशालाओं में नहीं की जा सकती है।
बस्सी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब हम भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का कोई मामला दर्ज करते हैं तो इसका मतलब है कि हमारे पास इस बात पर विश्वास करने के प्रथम दृष्टया कारण हैं कि यह हत्या का मामला है।’’ संवाददाताओं ने उनसे सवाल किया था कि क्या पुलिस के पास कोई सबूत है कि यह हत्या का मामला था। यह पूछे जाने पर कि सुनंदा की मौत के करीब एक वर्ष बाद हत्या का मामला क्यों दर्ज किया गया, बस्सी ने कहा कि एम्स की अंतिम रिपोर्ट के कारण एफआईआर दर्ज करना जरूरी हो गया था ताकि सुनंदा के विसरा नमूनों को आगे की जांच के लिए विदेश भेजा जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘मामले की जांच के लिए हमने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। एसआईटी ने मामले की जांच के लिए एक कार्ययोजना तैयार की है और सब कुछ उसके अनुसार किया जाएगा।’’ सूत्रों ने कहा कि एसआईटी थरूर, उनके रिश्तेदारों और निजी कर्मचारियों के साथ उस पंच सितारा होटल के कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है जहां सुनंदा पिछले वर्ष 17 जनवरी को मृत पायी गई थीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस के दल ने पिछले साल दो दिसंबर को केरल के तिरूवनंतपुरम में उस अस्पताल का दौरा किया था जहां सुनंदा को उनकी मौत से कुछ दिन पहले भर्ती कराया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘दल ने उन डॉक्टरों से मुलाकात की जिन्होंने सुनंदा का इलाज किया था। दल ने डॉक्टरों से सुनंदा की बीमारी के बारे में पूछा और उनके मेडिकल रिकार्ड देने को कहा।’’ सुनंदा को पिछले साल 12 से 14 जनवरी के बीच तिरूवनंतपुरम के केरल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया था। वह तीन दिन बाद दिल्ली के एक पंच सितारा होटल में मृत मिली थीं।
एम्स मेडिकल बोर्ड ने 30 सितंबर को पुलिस को सौंपी गयी अपनी दूसरी रिपोर्ट में कहा था कि उनका मस्तिष्क, किडनी, फेफड़े और यकृत सही तरीके से काम कर रहे थे तथा उनकी मौत जहर के कारण हुयी थी। बोर्ड के 12 पृष्ठों की रिपोर्ट में कहा गया था कि इस मामले में मौत का कारण जहर है। विसरा में इथायल अल्कोहल, कैफिन, एसिटामिनोफेन और कोटिनिन होने के संकेत हैं। पैनल ने मुहैया कराए गए मेडिकल दस्तावेजों के आधार पर यह निष्कर्ष भी दिया है कि सुनंदा को हृदय संबंधी कोई समस्या नहीं थी। वह उच्च रक्तचाप, मधुमेह या तपेदिक जैसी बीमारी से भी पीड़ित नहीं थी। पैनल ने यह निष्कर्ष दिया कि सुनंदा न तो बीमार थीं और न ही मौत के पहले उन्हें कोई बीमारी थी। वह सामान्य रूप से स्वस्थ महिला थीं। मेडिकल बोर्ड ने उनके शरीर पर जख्म के सभी निशानों की जांच की थी और ‘‘जख्म संख्या 10’’ को सीरिंज की सुई से हुआ बताया था। टीम ने इस दलील को भी खारिज कर दिया है कि सुनंदा की मौत ज्यादा मात्रा में अल्प्राजोलम खाने से हुयी क्योंकि विसरा रिपोर्ट में इसके मौजूद होने के संकेत नहीं हैं।