पणजी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत गोवा पत्तन लिमिटेड आठ सुरंगभेदी पोतों का निर्माण करेगा जिसमें अधिकतम स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सिद्धांत रूप में निर्णय किया गया है कि आठ सुरंग भेदी पोतों के निर्माण का काम गोवा पत्तन लिमिटेड को सौंपा जाएगा। यह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत होगा।’’
उन्होंने कहा कि पहले इसी तरह के पोत भारत के बाहर से लाए जाते थे और फिर यहां उनमें बदलाव किया जाता था। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस मामले में उन्हें भारत में अधिकतम स्वदेशी तकनीक से बनाया जाएगा। अगर उनमें तकनीकी सहयोग की जरूरत होगी तो उपयुक्त प्रक्रिया के बाद उन्हें हासिल किया जाएगा।’’ पर्रिकर ने कहा कि पूरी तरह स्वदेशी पोत का निर्माण करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘उच्च प्रौद्योगिकी वाले कार्यों और तकनीक हस्तांतरण में विदेशी गठजोड़ को सीमित किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा संबंधी खरीदारियों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा सुरक्षा एवं युद्ध ऐसे मामले हैं जिनमें कठिन समय में आपको अपने संसाधन की जरूरत होती है। कुछ कारणों से आपूर्तिकर्ता ने अगर शर्त लगा दी तो मशीनरी रूक जाएगी।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘खरीदारी के लिए आपके पास उपयुक्त रणनीति होनी चाहिए। अच्छी बात है कि जब संभव हो तो उपकरणों को देश के अंदर ही बनाएं या खरीदें।’’
सुरंगभेदी पोत हाल में उस समय विवादों में आ गए थे जब सरकार ने नियमों के उल्लंघन के कारण एक कम्पनी से ठेके वापस ले लिए थे। पर्रिकर ने कहा कि विगत में जिस कम्पनी को ठेके दिए गए थे उसे खत्म कर दिया गया है और कंपनी के तीन करोड़ रूपये के ‘इंटीग्रिटी बांड’ को जब्त कर लिया गया है। सुरंग भेदी पोत एक छोटा युद्धपोत होता है जो समुद्र में सुरंगों से निपटने और जहाजों के लिए रास्ता साफ करने में मदद करता है।