Friday, May 3, 2024
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Wrestlers Protest : ‘तिरंगा पहलवानों की जाति, बीजेपी के नेता भी हमारी साथ…’, बोले राकेश टिकैत, राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात, कल भी होगी महापंचायत

Wrestlers Protest Khap Mahapanchayat: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। पहलवानों के समर्थन में गुरुवार (1 जून) को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के सोरम गांव में खाप महापंचायत का भी आयोजन किया गया। इसी के साथ शुक्रवार (2 जून) को हरियाणा के कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में भी पंचायत बुलाई गई है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता और बालियान खाप के प्रमुख नरेश टिकैत ने गुरुवार को खाप महापंचायत बुलाई थी, जिसमें पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और दिल्ली से खापों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने पहुंचे। इस महापंचायत में फैसला लिया गया कि खापों के प्रतिनिधि जल्द ही देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे।
महापंचायत में नरेश टिकैत ने कहा कि आज सोरम सर्व खाप पंचायत का फैसला सुरक्षित रखा है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 2 जून को खाप पंचायत की बैठक होगी और उसमें आज का फैसला रखा जाएगा। उसके बाद सर्वसम्मति से फैसला सुनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मुझे जैसे ही खिलाड़ियों के मेडल बहाने के बारे में पता चला तो अपना फर्ज समझकर मैं तुरंत हरिद्वार में पहलवान बेटियों के पास गया और वहां बहुत मार्मिक दृश्य था।

नरेश टिकैत ने कहा कि हमने अपने खिलाड़ियों को समझाया था और उन्होंने हमारी बात मानी। वहां करीब पौने दो घंटे बिताने के बाद खिलाड़ी खाप नेताओं के अनुरोध पर वापस लौट गए थे। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री में काम करता है उसने अभी अपना आई कार्ड मुझे सौंप दिया है और कहा कि मैं विरोध में नौकरी छोड़ रहा हूं।

इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये बच्चे शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे थे। इन्हें जबरदस्ती उठाया गया। इन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि ये झूठ बोल रहे हैं। हमने आज पंचायत में फैसला सुरक्षित रखा है, लेकिन जल्द ही खाप प्रतिनिधि राष्ट्रपति और सरकार से मिलेंगे. खाप और ये लड़कियां (पहलवान) नहीं हारेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार की पार्टी (बीजेपी) के लोग भी हमारे साथ हैं, लेकिन अभी कह रहे हैं कि बैठक में नहीं आ सकते क्योंकि सरकार उनका नुकसान कर देगी।

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि ये पहलवान किसी जाति के नहीं हैं, इनकी जाति तिरंगा है। योद्धाओं की कोई जाति नहीं होती। सरकार की चाल है- इन्होंने यूपी में हिंदू मुस्लिम किया, बिहार में लालू परिवार को तोड़ा, हरियाणा में चौटाला परिवार को तोड़ा, गुजरात में यही किया, कई राजनैतिक परिवारों को तोड़ दिया है। हम इंटरनेशनल फेडरेशन में भी जाएंगे. कल कुरुक्षेत्र में कुछ फैसले सुनाएंगे। अब ये इन बच्चों का काम नहीं, अब ये हमारा काम है।
सरकार पर आरोप लगाते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि उसको (बृज भूषण शरण सिंह) तो सरकार ने बोलने की आजादी दी हुई तभी तो वह यह सब बातें बोल रहा है. उसको (बृज भूषण शरण सिंह) को सरकार का संरक्षण प्राप्त है वरना पोक्सो के तहत अपराध में सीधे गिरफ्तारी होती है, लेकिन पुलिस तो उसके खिलाफ जांच करने से भी डर रही है. वो तो भला हो सुप्रीम कोर्ट का कि उनके निर्देश पर एफआईआर दर्ज हुई है नहीं तो वो भी नहीं होती।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम संवेदनशील तरीके से इस मामले से निपट रहे हैं। पहलवानों ने एफआईआर दर्ज कराने, कमेटी बनाने समेत जो भी मांगें रखी थी, उन्हें पूरा कर दिया गया है। मामले में तेज गति से जांच आगे बढ़ रही है और खिलाड़ियों को जांच खत्म होने का इंतजार करना चाहिए। हमारे लिए खेल और खिलाड़ी दोनों ही जरूरी है।

बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है। पहले उनकी (पहलवानों की) मांग कुछ और थी और बाद में मांग कुछ और हो गई. ये लगातार अपनी शर्तों को बदल रहे हैं, बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि मैंने पहले दिन कहा था कि अगर एक भी प्रकरण मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। मैं आज भी अपनी उसी बात पर कायम हूं। मेरा सभी से अनुरोध है कि आप पुलिस की जांच का इंतजार कीजिए।

इसी बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हम प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में आज कोलकाता में गांधी प्रतिमा तक कैंडल लाइट मार्च निकालेंगे। ममता बनर्जी ने बुधवार को भी कोलकाता में पहलवानों के समर्थन में मार्च निकाला था।

पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस मामले में कार्रवाई न होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट समेत कई पहलवान अपने मेडल गंगा नदी में बहाने हरिद्वार गए थे। हालांकि उन्हें खाप नेताओं ने ऐसा करने से रोक दिया था।

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