Saturday, May 18, 2024
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Wow Bro Wow : सरकार योगी आदित्यनाथ की और उपलब्धियां गिनाई जा रही अखिलेश यादव की ?

चरण सिंह राजपूत 
नई दिल्ली। भाई गजब राजनीति कर रहे हैं अखिलेश यादव। उत्तर प्रदेश में सरकार तो बीजेपी की है। मुख्यमंत्री तो योगी आदित्यनाथ हैं वह भी लगातार दूसरी बार बने हैं। दूसरे कार्यकाल के भी दो साल होने जा रहे हैं। अखिलेश यादव की अगुआई में समाजवादी पार्टी विपक्ष की मुख्य पार्टी है। विपक्ष की पार्टी का क्या काम होता है ? जगजाहिर है कि विपक्ष की पार्टी सत्तारूढ़ पार्टी की कमियां निकालकर आंदोलन करती है और संघर्ष के बल पर जनता की सहानुभूति बटोरती है।

अखिलेश यादव क्या कर रहे हैं ? अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते अपने कार्यकाल की उपलब्धियां जनता को बताने के निर्देश जारी किये हैं। बुधवार को उत्तर प्रदेश की सभी विधानसभाओं में कार्यक्रम कर सपा कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के कार्यकाल के काम गिनाए हैं। यह अभियान उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भी चलवाया था। क्या हुआ ? योगी आदित्यनाथ फिर से सरकार बना ले गए। अखिलेश यादव फिर से अपने कार्यकाल के काम लोगों को बताने के लिए अभियान चलवा रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या 2017 का विधानसभा चुनाव अखिलेश यादव ने अपनी उपलब्धियों पर नहीं लड़ा था ? क्या उनके कार्यकर्ता उनके काम को सही ढंग से लोगों को नहीं बता पाए थे ?

दरअसल समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष नरेश उत्तम ने प्रदेश के जिला अध्यक्षों के साथ ही सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्षों, सांसदों, पूर्व सांसदों विधायकों और पूर्व विधायकों को एक पत्र लिखा था जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार 9 अगस्त यानी कि आज समस्त विधानसभाओं में सेक्टर स्तर पर जन  पंचायत आयोजित करने की बात कही गई थी।

इन जन पंचायतों में समाजवादी पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव द्वारा किये गए विकास कार्य का ब्यौरा एकत्रित करने तथा जनता को अवगत कराने के लिए कहा गया था। इन कार्यक्रमों में  सेक्टर के रहने वाले समस्त बूथ प्रभारी, जोन प्रभारी, ब्लॉक पदाधिकारी, विधान सभा पदाधिकारी, जिला,  प्रदेश, राष्ट्रीय पदाधिकारी तथा क्षेत्र के प्रमुख नेताओं को पंचायत में भाग लेने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि इस कार्यक्रम में सभी पदाधिकारी क्षेत्र की शिकायतों तथा जन समस्याओं को लेकर आने की बात कही गई थी। तथा आपस में  विचार विमर्श करने तत्पश्चात प्रमुख घटनाओं को जिला स्तर पर भेजने की बात कही गई थी।

इस पत्र में जिला महानगर तथा महासचिव सेक्टरों से प्राप्त घटनाओं तथा शिकायतों को एकत्रित करे तथा 30 अगस्त को जिला कार्यकारिणी की बैठक में आयोजित करने की बात कही  गई थी। बैठक में विचार विमर्श के बाद जन समस्याओं तथा  शिकायतों का एक ज्ञापन प्रशाशन को सौपने तथा उनकी सुचना प्रदेश कार्यालय को भेजने की बात लिखी गई थी। देखने की बात यह है कि सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को लेकर नारा लगता था कि जिसका जलवा कायम है उसका नाम मुलायम है। यह मुलायम सिंह यादव का संघर्ष ही था कि विपक्ष में समाजवादी पार्टी सड़कों पर दिखाई देती थी। 2012 में नेताजी ने अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री क्या बनाया कि पार्टी में काम करने का तरीका ही बदल गया।

चाचा भतीजे की तकरार तो छोड़ दीजिये पर जबसे संगठन भी अखिलेश यादव के हाथ में आया है तो समाजवादी पार्टी भी बहुजन समाजवादी पार्टी की तर्ज पर काम करने लगी। विपक्ष में सड़कों पर रहने वाली समाजवादी पार्टी अब विपक्ष में भी सत्तारूढ़ पार्टी की तरह काम कर रही यही। योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने जा रहे हैं पर अखिलेश यादव को अभी भी अपने कार्यकाल के काम याद आ रहे हैं। अखिलेश यादव तो गजब  की राजनीति कर रहे हैं। जब उन्हें योगी आदित्यनाथ की कमियां निकालकर प्रदेश में बड़ा आंदोलन छेड़ना चाहिए तब वह अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं का आह्वान कर रहे हैं।

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