UP Electricity Crisis उत्तर प्रदेश में अप्रैल के पहले सप्ताह के गुजरते ही पारा बढ़ने के साथ बिजली संकट भी गहराने लगा है। इस वर्ष उपलब्धता घटने से प्रदेशवासियों को बिजली कटौती से जूझना पड़ेगा। बिजली की सर्वाधिक मांग जून से अगस्त में रहेगी।
लखनऊ । भीषण गर्मी और उमस भरे मौसम में जब आपको बिजली की सबसे ज्यादा आवश्यकता महसूस होगी तब आपकी बत्ती गुल हो सकती है। वैसे तो अप्रैल में ही पारा चढ़ने के साथ ही बिजली की मांग बढ़ने लगी है लेकिन जून-जुलाई और अगस्त में बिजली की मांग सर्वाधिक रहने वाली है। तब मांग के मुताबिक बिजली की उपलब्धता न रहने से प्रदेशवासियों को बिजली कटौती से जूझने की आशंका जताई जा रही है।
दरअसल, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने यूपी में बिजली की मांग और उपलब्धता का अनुमान लगाते हुए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से ही दिन-प्रतिदिन पारा चढ़ने के साथ बिजली की मांग बढ़ती जाएगी। मांग के बढ़ने का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि पहली अप्रैल को 16376 मेगावाट रहने वाली अधिकतम मांग 18745 मेगावाट तक पहुंच चुकी है।
मई-जून की भीषण गर्मी में मांग के 26 हजार और जुलाई से सितंबर के दरमियान उमस भर्ती गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग के 28 हजार मेगावाट से ऊपर पहुंचने का अनुमान जताया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 27,369 मेगावाट तक पहुंची थी। गौर करने की बात यह है कि अप्रैल में तो मांग से कहीं अधिक 24 हजार मेगावाट तक बिजली की उपलब्धता है जिससे प्रदेशवासियों को बिजली कटौती से नहीं जूझना पड़ रहा है लेकिन मई से सितंबर तक अधिकतम उपलब्धता 26 हजार मेगावाट के आसपास ही रहने का अनुमान है।
अधिकतम मांग व उपलब्धता में दो हजार मेगावाट से भी ज्यादा का अंतर रहने से प्रदेशवासियों को पीक आवर्स (देर शाम से रात में) बिजली कटौती से जूझना पड़ेगा। जहां तक बिजली की कुल आवश्यकता व उपलब्धता की बात है तो जून, जुलाई व अगस्त में आवश्यकता से डेढ़ हजार मिलियन यूनिट (एमयू) तक बिजली की कमी रहने का अनुमान जताया गया है। यह स्थिति भी तक रहने वाली है जब विभिन्न माध्यम से बिजली के उत्पादन की स्थिति सामान्य बनी रहे।
जुटा रहे हैं अतिरिक्त बिजली
गर्मी के मौसम में प्रदेशवासियों को बिजली कटौती से न जूझना पड़े इसके लिए अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया जाएगा। विभिन्न माध्यमों से मई के लिए 1900 मेगावाट और जून के लिए 1600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था की जा रही है। कोशिश रहेगी कि प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल के अनुसार बिजली मिलती रहे। एम. देवराज अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन
यूं बढ़ेगी बिजली की कुल मांग
-उपलब्धता(एमयू में)
माह- मांग-उपलब्धता
अप्रैल-13,950-14,720
मई-14,830-14,750
जून-15,840-14,730
जुलाई-15,610-14,130
अगस्त-15,680-14,520
बिजली आपूर्ति का तय शेड्यूल
गांव – 18
घंटेनगर पंचायत व तहसील – 21.30 घंटे
बुंदेलखंड – 20 घंटे
जिला, मंडल, महानगर – 24 घंटे
उद्योग – 24 घंटे