पत्रिका संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के लाडो सराय इलाके में डेंगू से पीड़ित अपने बेटे की मौत से दुखी एक दंपत्ति ने चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। बच्चे की मौत से पहले यहां के दो प्रमुख निजी अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया था। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक लक्ष्मीचंद्र और बबिता अपने सात साल के बेटे अविनाश के साथ लाडो सराय इलाके में रहते थे। पिछले दिनों अविनाश को डेंगू हो गया था। बताया जा रहा है कि बच्चे की हालत बिगड़ती देख दो निजी अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया। बच्चे को समुचित इलाज के लिए यह दंपत्ति कई अस्पतालों के चक्कर काटता रहा, लेकिन गुरुवार रात बच्चे ने दम तोड़ दिया।
डीसीपी (दक्षिण) प्रेम नाथ ने बताया कि लक्ष्मीचंद्र और बबीता राउत दोनों ओडिशा के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि दंपति ने उड़िया में लिखे अपने एक पेज के सुसाइड नोट में कहा है कि इसमें ‘किसी की गलती नहीं’ है और यह उनका ‘निर्णय’ है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना की आईपीसी की धारा 174 के तहत एक जांच शुरू कर दी है। इस मामले में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
मामले से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लक्ष्मीचंद्र एक निजी कंपनी में काम करता था और उनका परिवार लाडो सराय में एक अपार्टमेंट में किराए के दो कमरे के मकान में एक साल से अधिक समय से रह रहा था। गुरुवार और शुक्रवार के आधी रात ढाई बजे दंपति का शव उनके एक पड़ोसी ने देखा। दंपति ने अपने हाथों को पीछे से एक साथ दुपट्टा से बांध रखा था। पुलिस का कहना है कि अविनाश की मौत का लक्ष्मीचंद्र और बबिता को बहुत बड़ा सदमा लगा, जिसके चलते संभवतः उन्होंने यह कदम उठाया।
वहीं दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस मामले पर संज्ञान लेते हुये दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने दोनों अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।