नोएडा। देशभक्ति के नाम पर न केवल निवेशकों बल्कि अपने ही कर्मचारियों को ठगने वाला सहारा प्रबंधन कर्मचारियों को लगातार नौकरी से तो निकाल रहा है पर उनका हिसाब देने को तैयार नहीं।
बात सहारा मीडिया की करें तो स्थिति यह है न तो रिटायर्ड कर्मचारियों को उनका हिसाब मिला है और न ही टर्मिनेट किये गए कर्मचारियों को। इससे दर्दनाक मामला क्या होगा जो कमर्चारी कोरोना काल में दम तोड़ गए उनका भी पैसा देने को सहारा प्रबंधन तैयार नहीं।
सोनाक्षी सिन्हा ने आगे लिखा है कि उनसे लिखवा लिया गया कि उनके पति का पीएफ और बकाया भुगतान दे दिया जाएगा पर वह कानूनी कार्यवाही नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें उनके पति का न तो पीएफ दिया गया है और न ही पेंशन जारी की गई। उन्होंने फिर से अनुरोध किया है कि उनके पति का भुगतान कर दिया जाए।
एक बेवा ने लगाई दो वक्त की रोटी की गुहार
अमलव सिन्हा की पत्नी सोनाली सिन्हा ने कहा है कि सहारा के चक्कर काट काटकर थक गए हैं फिर भी यहां के अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा। मेरे पति करोना के कारण मरे हुए साल से ज्यादा हो चूका है। घर में खाने को दाना नहीं है। लोन वाले लोग ऊपर चढ़े हुए हैं।
बेटे की पढ़ाई का आखिरी साल है। सहारा से पैसा मिल जाये तो कम से कम दो वक्त की रोटी तो मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके पति उनसे कहते थे कि सहारा अभी क्राइसिस में है। सहाराश्री ने हमें बहुत सा आश्वासन दिया हुआ है। अभी क्राइसिस में काट लो आगे जिंदगी बहुत ही खुशहाल हो जाएगी। बहुत सारा पैसा मिलेगा। सहारा श्री हमारे परिवार का ध्यान रखेंगे। इसीलिए हमें सभी को उनका साथ देना चाहिए। घर में जो कुछ भी था वह भी बेच बेच कर पीछे 8 साल से खर्चा चलाया। सिर्फ इसी उम्मीद में कि एक दिन जरूर अच्छा आएगा। कोरोना ने मेरा सुहाग छीन लिया और रही बची जिंदगी इन सहारा वालों ने छीन ली। जीवन कैसे गुजरेगा कुछ पता नहीं ? बेज्जती तो अब होती ही नहीं है, अपना पैसा भी भीख की तरह मांग रहे हैं। कहते हैं की कोर्ट केस मत करना। हम तुम्हारा पैसा दे रहे हैं परंतु मेरी किस्मत ही ऐसी है कि मैं दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हूं। आंखों से दिखाई नहीं देता कहां जाऊं, किससे कहूं कोई नहीं सुनता सुना है की पेंशन भी मिल मिलेगी। उसका भी कोई अता-पता नहीं है पीएफ में पैसा फसा हुआ है वह भी नहीं निकल पाया है कहां जाऊं कैसे करूं करूं कुछ पता नहीं कोई तो मेरी मदद करे ।