Sahara Protest : अब अभय देव शुक्ला का नागेंद्र कुशवाहा पर वार – आंदोलन के खिलाफ साजिश रचने का आरोप 

नागेंद्र कुशवाहा और नीरज शर्मा के बीच चेटिंग में देखने को मिले व्यक्तिगत हमले 

ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा में वैसे तो संगठन के गठन से ही विवाद शुरू हो गया था पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नागेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे के बाद तो आरोप प्रत्यारोप का बड़ा दौर चल निकला है।

नागेंद्र कुशवाहा ने न केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाए हैं बल्कि महासचिव नीरज शर्मा को भी नहीं बख्शा है । अपनी पत्रिका की वेबसाइट पर – और अब नागेंद्र कुशवाहा ने की बगावत, अभय देव शुक्ला और नीरज शर्मा पर लगाए गंभीर आरोप हेडिंग से खबर पब्लिश होने के बाद अब ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला ने – देखिये  नागेंद्र कुशवाहा  का संगठन  तोड़ने का काला सच हेडिंग से बयान जारी किया है। उन्होंने नागेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे पर कहा है कि ये साजिश  थी, आल इंडिया जन आंदोलन  संघर्ष न्याय मोर्चा तोड़ने की। देखिये  हड़बड़ाहट में नागेंद्र कुशवाहा ने स्वयं अपने साजिश  का पर्दाफाश  कर दिया। उन्होंने नागेंद्र की पोस्ट बताते हुए उनके एक एनजीओ से जुड़ने की बात उनके द्वारा ही कहने की बात की है।

अभय देव शुक्ला का आरोप है कि नागेंद्र कुशवाहा ने पहले से ही संगठन में रहते हुए अंदर अंदर रजिस्ट्रेशन करवाया फिर  अंदर अंदर संगठन को तोड़ने के लिए साजिश  की।  ज़ब संगठन  जीत के करीब पहुंच गया तो इनके मंसूबे पर पानी फिर रहा था कि अब आंदोलन  सफल  हो जायेगा तो खलबली  मंच  गयी कि अब कभी  इंनका रजिटेशन  काम नहीं आयेगा ये पी आई एल के नाम पर देश  भर  के जमाकर्ताओ को लूट नहीं पाएंगे।  अभय देव सबसे बड़ा रोड़ा है।  इसलिए ठीक  लखनऊ आंदोलन से पहले आंदोलन  को तोड़ने का जी तोड़ बैटिंग  करने लगे ताकि आंदोलन  कमजोर हो जाय और  लोगों को ये बेय कूफ  बना कर पी आईएल  के नाम पर धन  उगाही करने लगे।

अभय देव शुक्ला न कहा है कि नागेंद्र कुशवाहा  तुम्हारी इसी जल्दबाजी में तुमने आंदोलन को बार-बार तोड़ने की कोशिश  की थी।  अंदर अंदर  दबाव बनवा रहे थे
अगर मै  तुम्हारी बातों में आता  तो ना जाने कितने साथी  जेल चले  जाते जो सड़क पर लड रहे थे।  दंगे हो जाते जगह जगह जो मैंने होने नहीं दिया। मुझे  नेता नहीं बनना था।  भुगतान दिलाना था,  इसलिए कार्यकर्ताओ जमाकर्ताओ को सड़क पर उपद्रव नहीं मचवाना था। अब तुमने खुद  का संगठन  बना लिया है। मेरी तरह बार बार जेल जाने के लिए  तैयार रहो। सोचिये  ये संगठन  तोड़ने की कितने दिन  से साजिश  रची जा रही थी।

अभय देव शुक्ल ने नागेंद्र कुशवाहा की पोस्ट होने का दावा करते हुए यह पोस्ट भी जारी की है।

देश के सभी साथियों को सूचित कर रहा हु की हम लोग धनबाद .झारखंड प्रदेश के लोग 2021 में ही सहारा जैसी कंपनी और देश के ठगी कर अन्य चिटफंड कंपनियों से लड़ने के लिए और देश के नागरिकों का डूबा हुआ पैसा दिलवाने के विश्व भारती जनसेवा संस्थान ,N .G.O बनाने के लिए  झारखंड सरकार में निबंधन करने के लिए अप्लाई कर दिया था।
जिसका निबंधन पत्र दिसंबर 2022 में झारखंड सरकार से मिल गया है।  चूंकि हम लोग  जन आंदोलन मोर्चा के साथ मई 2022 में जुड़ गए थे। इसलिए लोगों के बीच गलतफहमी ना हो जाय कि हम लोग 2 संगठन में काम कर रहे हैं। चूंकि जन आंदोलन मोर्चा से त्यागपत्र देने के बाद कानूनी लड़ाई और आंदोलन को गति देने के लिए पुनः विश्व भारती जनसेवा संस्थान  को लेकर काम करने जा रहे हैं।
आप सब अगर इस संस्थान के साथ जुड़ना चाहते हैं तो सभी का स्वागत है।  देश के सभी राज्यों में हम संस्थान का विस्तार करने जा रहे है संस्थान का पैन कार्ड नंबर आ चुका है जल्द ही राष्ट्रीय बैंक खाता खुल जायेगा
आप सबका
नागेंद्र कुमार कुशवाहा
सचिव
विश्व भारती जनसेवा संस्थान””
उधर नीरज शर्मा और नागेंद्र कुशवाहा की चैटिंग में एक डी दूसरे को देखने की बात भी सामने आ रही है। इस चेटिंग में नागेंद्र कुशवाहा नीरज शर्मा को अपने निजी परिवार के बारे में उनके डिजिटल चैनल देने पर उनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की बात कर रहे हैं तो नीरज शर्मा उन पर सोशल मीडिया पर उनको लेकर अनाप शनाप कहने का आरोप लगा रहे हैं।

 

नागेंद्र कुशवाहा ने कहा – दूसरा सुब्रत राय जो पैदा हो गया है, उससे पहले निपटना होगा, ऑल इंडिया जन आंदोलन से जुड़ने से पहले शुरू कर दी थी सहारा से लड़ाई, दायर कर दी गई थी पीआईएल, शुरू कर दी थी एनजीओ की कवायद  

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नागेंद्र कुशवाहा का कहना है कि एनजीओ की कवायद ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा से जुड़ने से पहले शुरू हो चुकी थी। एनजीओ से ही जुड़ने वाले चार लोगों ने ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के जंतर मंतर पर होने वाले प्रोटेस्ट से पीआईएल रांची कोर्ट में दायर कर दी थी।

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उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया जन आंदोलन से वह अगस्त 2022 में जुड़े हैं और उनकी एनजीओ बनाने की शुरुआत जनवरी 2022 से ही शुरू हो चुकी थी। 2021 से उन्होंने भुगतान को लेकर लीगल कार्यवाही शुरू कर दी थी।

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उन्होंने कहा कि अब अभय देव शुक्ल को जिला के पदाधिकारियों से बात करने पर दिक्कत थी। उन्होंने 29 मई को लखनऊ में होने वाले प्रोटेस्ट में भी आने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि उनके पास देशभर के वह स्क्रीन शॉट आ रहे हैं जो पैसे उन्होंने अभय देव शुक्ल को दिए। उनका कहना है कि उन्होंने प्रदेश कमेटी में लगातार पैसा जमा कराया है। जहां तक प्रदेश अध्यक्ष को लखनऊ में जाने के लिए पैसे देने की बात है तो उन्होंने 5000 रुपए दो लोगों के लिए दिए हैं।

नागेंद्र कुशवाहा ने  कहा है कि वह सभी तरह के सुबूत अपने पास रखे हैं। उन्होंने कहा ये लोग लीगल कार्यवाही नहीं करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के नाम पर यह विवाद हुआ है।

कुल मिलाकर इस तरह के विवाद से आंदोलन को नुकसान और सहारा प्रबंधन को फायदा हो रहा है। यदि सहारा निवेशकों के लिए सेबी से 5000 करोड़ रुपए रिलीज हुए हैं तो इनके रिलीज होने में आंदोलन का बड़ा योगदान है। चाहे ऑल इंडिया जन आंदोलन का मामला हो या फिर ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार का। दोनों ही संगठनों ने अपने अपने स्तर से अहम् भूमिका निभाई है।
नागेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि ये लोग मेरी चुप्पी को मेरी कमजोरी समझ रहे हैं।
डेली जवाब दूंगा प्रमाण के साथ। हम लोग को सुब्रत रॉय से लड़ना है लेकिन देश में दूसरा सुब्रत राय जो पैदा हो गया है उससे पहले निपटना होगा।

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