अभय देव शुक्ला न कहा है कि नागेंद्र कुशवाहा तुम्हारी इसी जल्दबाजी में तुमने आंदोलन को बार-बार तोड़ने की कोशिश की थी। अंदर अंदर दबाव बनवा रहे थे
अगर मै तुम्हारी बातों में आता तो ना जाने कितने साथी जेल चले जाते जो सड़क पर लड रहे थे। दंगे हो जाते जगह जगह जो मैंने होने नहीं दिया। मुझे नेता नहीं बनना था। भुगतान दिलाना था, इसलिए कार्यकर्ताओ जमाकर्ताओ को सड़क पर उपद्रव नहीं मचवाना था। अब तुमने खुद का संगठन बना लिया है। मेरी तरह बार बार जेल जाने के लिए तैयार रहो। सोचिये ये संगठन तोड़ने की कितने दिन से साजिश रची जा रही थी।
अभय देव शुक्ल ने नागेंद्र कुशवाहा की पोस्ट होने का दावा करते हुए यह पोस्ट भी जारी की है।
जिसका निबंधन पत्र दिसंबर 2022 में झारखंड सरकार से मिल गया है। चूंकि हम लोग जन आंदोलन मोर्चा के साथ मई 2022 में जुड़ गए थे। इसलिए लोगों के बीच गलतफहमी ना हो जाय कि हम लोग 2 संगठन में काम कर रहे हैं। चूंकि जन आंदोलन मोर्चा से त्यागपत्र देने के बाद कानूनी लड़ाई और आंदोलन को गति देने के लिए पुनः विश्व भारती जनसेवा संस्थान को लेकर काम करने जा रहे हैं।
आप सब अगर इस संस्थान के साथ जुड़ना चाहते हैं तो सभी का स्वागत है। देश के सभी राज्यों में हम संस्थान का विस्तार करने जा रहे है संस्थान का पैन कार्ड नंबर आ चुका है जल्द ही राष्ट्रीय बैंक खाता खुल जायेगा
आप सबका
नागेंद्र कुमार कुशवाहा
सचिव
विश्व भारती जनसेवा संस्थान””
नागेंद्र कुशवाहा ने कहा – दूसरा सुब्रत राय जो पैदा हो गया है, उससे पहले निपटना होगा, ऑल इंडिया जन आंदोलन से जुड़ने से पहले शुरू कर दी थी सहारा से लड़ाई, दायर कर दी गई थी पीआईएल, शुरू कर दी थी एनजीओ की कवायद
नागेंद्र कुशवाहा का कहना है कि एनजीओ की कवायद ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा से जुड़ने से पहले शुरू हो चुकी थी। एनजीओ से ही जुड़ने वाले चार लोगों ने ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के जंतर मंतर पर होने वाले प्रोटेस्ट से पीआईएल रांची कोर्ट में दायर कर दी थी।
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उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया जन आंदोलन से वह अगस्त 2022 में जुड़े हैं और उनकी एनजीओ बनाने की शुरुआत जनवरी 2022 से ही शुरू हो चुकी थी। 2021 से उन्होंने भुगतान को लेकर लीगल कार्यवाही शुरू कर दी थी।
उन्होंने कहा कि अब अभय देव शुक्ल को जिला के पदाधिकारियों से बात करने पर दिक्कत थी। उन्होंने 29 मई को लखनऊ में होने वाले प्रोटेस्ट में भी आने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि उनके पास देशभर के वह स्क्रीन शॉट आ रहे हैं जो पैसे उन्होंने अभय देव शुक्ल को दिए। उनका कहना है कि उन्होंने प्रदेश कमेटी में लगातार पैसा जमा कराया है। जहां तक प्रदेश अध्यक्ष को लखनऊ में जाने के लिए पैसे देने की बात है तो उन्होंने 5000 रुपए दो लोगों के लिए दिए हैं।
नागेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि वह सभी तरह के सुबूत अपने पास रखे हैं। उन्होंने कहा ये लोग लीगल कार्यवाही नहीं करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के नाम पर यह विवाद हुआ है।
डेली जवाब दूंगा प्रमाण के साथ। हम लोग को सुब्रत रॉय से लड़ना है लेकिन देश में दूसरा सुब्रत राय जो पैदा हो गया है उससे पहले निपटना होगा।