Thursday, May 9, 2024
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RSS : सेकुलर अवतार में मोहन भागवत ?

चरण सिंह राजपूत 
यह अपने आप में दिलचस्प है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम लगातार धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद का मजाक बना रहे हैं और उनके मातृ संगठन आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद पर काम करने का संदेश दे रहे हैं। जबकि इसका उल्टा होता रहा है। हिन्दू वोटबैंक का बीजेपी में ध्रुवीकरण करने के लिए आरएसएस कट्टर हिंदुत्व की छवि बनाकर चला है और बीजेपी कट्टर हिंदुत्व की छवि से बचती रही है। अटल बिहारी  वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की जोड़ी तक इसी सोच पर आरएसएस और बीजेपी दोनों चले हैं। यही वजह थी कि नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते समय जब गोधरा कांड हुआ तो वाजपेयी ने मोदी को राजधर्म निभाने की नसीयत दी थी। वह तो लालकृष्ण आडवाणी ने मोदी को बचा लिया था नहीं तो वाजपेयी तो मोदी को मुख्यमंत्री पद से हटाने वाले थे।

दरअसल मोहन भागवत ने मंगलवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा है कि मुस्लिम भी हमारे ही हैं। संघ का कोई पराया नहीं। बस उनकी पूजा पद्धति बदल गई है। यह देश उनका भी है वे भी यहीं रहेंगे। उन्होंने जाति प्रथा, भेदभाव जैसी सामाजिक विसंगतियों को दूर करने के लिए समाज को एकजुट करने की भी बात कही। उन्होंने सनातन को धर्म नहीं बल्कि एक संस्कृति बताया। हालांकि आरएसएस पर न केवल मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगता रहा है बल्कि ब्राह्मणवाद का आरोप भी लोग लगाते रहे हैं। यदि राजेंद्र सिंह उर्फ़ रज्जू भैया को छोड़ दें तो  आरएसएस के सभी सर संघचालक ब्राह्मण ही रहे हैं।
यदि आरएसएस के इतिहास की बात करें तो संघ के वैचारिक प्रमुख और संघ संस्थापक केशव राव बलिराम हेडगेवार के उत्तराधिकारी माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर मुसलमानों को भारत का शत्रु मानते थे। अंग्रेजों की पैरवी के पीछे भी आरएसएस पर यही आरोप लगता है कि आरएसएस का यह मानना था कि अंग्रेजों के आने पर ही मुस्लिम राज समाप्त हुआ है। मतलब आरएसएस अंग्रेजों के शासन का विरोध न कर मुगलों के शासन का विरोध करता था। जगजाहिर है कि संघ दशकों से मुसलमानों के विरुद्ध आग उगलता रहा है। कितनी बार संघ ने मुस्लिमों को अपनी घृणा व हिंसा का शिकार बनाया है। यही वजह रही है कि संघ की छवि मुस्लिम विरोधी की रही है।
आज की बीजेपी की बात करें तो बीजेपी नेता मुस्लिमों के खिलाफ आग उगल रहे हैं। यह भी कह सकते हैं कि बीजेपी के पास हिन्दू मुस्लिम के अलावा कुछ है ही नहीं। यहां तक कि संसद में भी नहीं बाज आ रहे हैं। इस विशेष सत्र में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली को उग्रवादी, आतंकवादी, कटुवा और मुल्ला तक कह दिया। रमेश बिधूड़ी का यह मुस्लिमों को आतंकवाद से जोड़ने वाला बयान था। राजनाथ सिंह ने तो इस मामले में मांफी मांगी पर प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और खुद रमेश बिधूड़ी चुप्पी साध गए। जगजाहिर है बीजेपी का हर एजेंडा हिन्दू मुस्लिम को लेकर होता है।
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