Railway Protest : पुरानी पेंशन के लिए रेल कर्मचारियों ने दिल्ली से भरी हुंकार
नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया रेलवे यूनियन के बैनर तले देशभर में वोट की चोट करने का चलाया जाएगा अभियान, लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए भारी पड़ सकता है रेलवे कर्मचारियों का आंदोलन
अपनी पत्रिका ब्यूरो
2024 फिर से सरकार बनाने का दावा करने वाली बीजेपी को देश की सभी रेलवे की यूनियन ने बड़ा झटका देने की रणनीति बना ली है। रेलवे कर्मचारियों ने देश की राजधानी दिल्ली से पुरानी पेंशन लागू कराने के लिए देशभर में आंदोलन करने की हुंकार भर दी है। रेलवे कर्मचारियों ने केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन लागू न करने पर इसका खामियाजा चुनाव में भुगतने की खुली चेतावनी दे दी है। केंद्र सरकार को यह चेतावनी इंडियन नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया रेलवे के बैनर तले दी गई है। दरअसल नयी दिल्ली में अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक में रेलवे यूनियन के नेताओं ने नई पेंशन योजना का विरोध कर पुरानी पेंशन लागू करने की मांग की है।
रेलवे कर्मचारियों के हकों पर हमला नहीं होगा बर्दाश्त
नयी दिल्ली में एशिया पैसेफिक आईटीयूसी के महासचिव जी संजीव रेड्डी की अध्यक्षता में हुई बैठक में देशभर में आंदोलन चलाने का आह्वान किया गया। बैठक में फेडरेशन के महासचिव एम राघवन समेत रेलवे यूनियन के कई बड़े नेता बड़ी संख्या में शामिल हुए। वक्ताओं ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार लोकतंत्र का सम्मान नहीं कर रही है। वक्ताओं का कहना था कि रेलवे कर्मचारियों के हकों पर हमला अब सहन नहीं होगा।
कोरोना काल में भी रेलवे कर्मचारियों ने बिना रुके किया काम
फेडरेशन कार्यकारिणी की इस मीटिंग में प्रमुख वक्ताओं कहा कि रेलवे कर्मचारियों ने कोरोना काल में भी बिना रुके काम किया है। वह भी किसी सिपाही या सैनिक से कम नहीं है। ऐसे में उसके साथ भेदभाव हो, उनके हकों की अनदेखी हो यह उन्हें मंजूर नहीं है। इस मौके पर रेलवे कर्मचारी यूनियन के नेता इंद्रजीत सिंह ने अपने वरिष्ठ नेता से बात की।
पुरानी पेंशन के लिए जाम कर देंगे देश : गुमान सिंह
बैठक को संबोधित करते हुए यूआरएमयु के अध्यक्ष गुमान सिंह ने कहा कि नई पेंशन से तो कर्मचारी रोटी भी नहीं खा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पुरानी पेंशन लागू करे नहीं तो पूरा देश को जाम कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में केंद्र सरकार के खिलाफ कर्मचरी एकजुट हो रहे हैं। यदि पुरानी पेंशन लागू नहीं की तो केंद्र पर काबिज बीजेपी को लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने पुरानी पेंशन को बंद कर नई पेंशन योजना लागू करने को केंद्र सरकार का पाप बताया। गुमान सिंह का कहना था कि इस लड़ाई में वे किस भी हद तक जा सकते हैं।
वोट की करेंगे चोट : बीसी शर्मा
उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री बीसी शर्मा ने कहा कि 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रह हैं। वे लोग सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी पर वोट की चोट करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी यूनियन लोगों से कहेगी जो पार्टी विकास करे। पुरानी पेंशन लागू करने की बात करे उसे वोट दें। उन्होंने कहा कि चाहे कोई सांसद हो या फिर विधायक सभी कम से कम 20000 हजार रुपए की पेंशन ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह पेंशन ये लोग विधायक और सांसद की अलग अलग लेते हैं।
पुरानी पेंशन लागू कराने का लिया संकल्प : एम राघवन
एनएफआईआर के महामंत्री एम राघवन ने कहा कि केंद्र सरकार को रेलवे को 70 हजार करोड़ रूपये देने हैं। यह धनराशि रेलवे को इसलिए नहीं मिल पा रही है क्योंकि सरकार वोटबैंक के लिए सब्सिडी का खेल खेल रही रही है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद के सम्मेलन में 16 हजार प्रतिनिधि आये थे। वहां पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी संकल्प लिया गया है । उन्होंने कहा कि हर हाल में 2004 से पुरानी पेंशन लागू कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशंस से केंद्र सरकार पर कोई भार नहीं होगा। रेलवे ही इस बोझ को सहन करने की स्थिति में है।
दरअसल देशभर में 10 लाख सदस्यों वाली यूनियन नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया रेलवे से अलग अलग ट्रेड यूनियन के अन्य 13 लाख कर्मचारी भी जुड़े हैं। इस मीटिंग में यूनियन नेता डीके चावला, इंद्रजीत सिंह और रमणीक शर्मा ने भी सभा को सभोधित किया। इस अवसर पर मांग की गई कि रेलवे कर्चारियों के कार्य के घंटे 12 से घटाकर 10 किये जाएं। इस मीटिंग में सभी वक्ताओं ने सरकार को चेतावनी भी दी कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो वे सडकों पर आंदोलन करेंगे और उस पार्टी को समर्थन और साथ देंगे जो उनकी मांगों के साथ खड़ी होगी।
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