Friday, April 19, 2024
Homeअन्य‘आप’की शाही थाली पर उठा सवाल?

‘आप’की शाही थाली पर उठा सवाल?

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के मुकदमे के लिए प्रसिद्ध वकील राम जेठमलानी को 22 लाख रुपये प्रति तारीख देने का मामला अभी चल ही रहा है की बीजेपी ने अब आप सरकार को एक और मामले में घेरना शुरु कर दिया है। विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि आप सरकार के शासनकाल का एक साल पूरे होने के अवसर पर 11 और 12 फरवरी 2016 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास एक पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें मेहमानों को भोजन करवाने के लिए फाइव स्टार होटल से खाने मंगवाये गये। इस पार्टी में जहां 11 फरवरी 2016 को 50 गेस्ट मौजूद थे तो वहीं 12 फरवरी को 30 गेस्ट शामिल हुए थे। इन दो दिनों में कुल साढ़े ग्यारह लाख रुपये का खाने का बिल आया। इस तरह प्रति थाली की कीमत करीब 14,000 रुपये हुआ। गुप्ता का कहना है कि इन दो दिनों में इतना महँगा खाना परोसना महज मिस्यूज ही नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला भी है। साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि महज एक दिन के आगे पीछे हुई इस पार्टी में एक थाली में 4 हज़ार रुपये का अंतर कैसे हो गया।

गुप्ता का कहना है कि आप पार्टी वैसे तो काफी साधारण और ईमानदार होने का दिखावा करती है लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता की खून पसीने की कमाई का मुख्यमंत्री और उनके मंत्री मिसयूज कर रहे हैं। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पहली बार में तो उन्हें यह यकीन ही नहीं हुआ कि ये रकम 12 हजार रुपये हैं। उन्होंने सोचा कि ये रकम मात्र 12 सौ रुपये हैं लेकिन बाद में पता चला कि ये सही है और केजरीवाल सरकार किस तरह से करदताओं का पैसा बर्बाद कर रही है।

नगर निगम चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी का यह मुद्दा उठाना आम आदमी पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। वहीं इस मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर इसे बीजेपी का राजनीतिक स्टंट करार दिया है । सिसोदिया ने कहा है कि इस मामले में जो रसीद पेश किया गया है वह पूरी सच्चाई नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के इशारे पर उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। सिसोदिया ने कहा है कि जब से आम आदमी पार्टी ने  प्रदेश में हाऊस टैक्स खत्म करने का ऐलान किया है तब से पार्टी पर एक के बाद एक झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाकर सरकार को बदनाम करने की साजिश चल रही है। उन्होंने कहा है कि 13 हज़ार रुपये के तथाकथित फूड बिल की फाईल अफसरों ने मंजूरी के लिए एक साल पहले उनके पास भेजी थी और उन्होंने इसे मंजूरी देने से साफ मना कर दिया था। साथ ही उन्होंने कहा है कि उप राज्यपाल ऑफिस के बाबू और अफसर जान बूझकर, बीजेपी के इशारे पर उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए, आधी जानकारी के साथ फाइलें लीक कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर हिम्मत है तो पूरी फाईल मेरे पेमेंट मना करने की नोटिंग के साथ लीक करो और ये भी बताओ कि 10 महीने पहले मैंने फाईल पर क्या लिखा था। सिसोदिया के मुताबिक करीब छह महीने से यह फाइल उप राज्यपाल नजीब जंग के आफिस में मंगवाकर रख ली गई थी। शायद इस चुनाव से पहले आप को बदनाम करने की नीयत से लीक करने के लिए मंगवाया गया हो। साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बिल भेजने वाले वेंडर के खिलाफ जांच के आदेश दे दिये हैं।

नगर निगम चुनाव के दौरान ‘आप’ की ये शाही खाना लोगों की जुबान पर है। लोगों का कहना है कि ऐसी शाही दावत तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की पार्टियों में भी नहीं दिये जाते हैं। वहीं शुंगलू कमेटी ने इसे सत्ता का दुरुपयोग और फिजुलखर्ची बताते हुए सवाल उठाया है। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता वार्ड नंबर 59 में बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा के ऑफिस के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे जहां उन्होंने आम आदमी पार्टी की इस करतूत के बारे में बताया।

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments