विद्या नन्द मिश्रा।
दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में 10 मई 2017 को भारतीय मतदाता संगठन ने एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी में संगठन के लोगों ने लॉ कमीशन और चुनाव आयोग के चुनाव सुधार प्रस्ताव को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की। साथ ही संगठन ने देश की जनता के अपार समर्थन के बावजूद पिछले 30 सालों से पेंडिंग पड़े राजनीतिक एवं चुनाव संबंधी सुधार पर भी सवाल उठाये।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वी.एस.सम्पत ने चुनाव प्रक्रिया और लोकतांत्रिक विकास में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों और इस मामले में पिछले कई दशकों से सुधार नहीं होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर देश के एकजुट होने और अपार जनसमर्थन के वाबजूद चुनाव आयोग, विधि आयोग समेत कई अन्य आयोगों का सुधार पेंडिंग रहना आश्चर्यजनक है। वहीं संगठन के अध्यक्ष रिखब चन्द जैन ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इस विवादित विषयों को लेकर करीब-करीब सभी पार्टियों की सरकारें पिछले कई वर्षों से लगी हुई है। इन मुद्दों को लेकर जब किसी भी तरह का विवाद नहीं है और ना ही जनसमर्थन में कमी है, तो आखिर कानून क्यों नहीं बनाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि सिर्फ 5-7 सौ राजनीतिज्ञों की वजह से यह कार्य नहीं हो पा रहा है। जैन ने कहा कि यह देश के प्रबुद्ध नागरिकों और मीडिया की जिम्मेदारी है कि चुनाव सुधारों या रिफोर्म्स को लागू करवाने के लिए सरकार को बतायें और इस विषय को जोरदार तरीके से आगे बढायें। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जरुरत पड़े तो इसके लिए संसद का एक विशेष सत्र भी बुलाया जाय, जहां इस विषय पर बदलाव के लिए एक प्रस्तावित बिल भी प्रस्तुत किया जाय।
संगोष्ठि में मौजूद गणमान्य लोगों एवं मीडिया हाउस के प्रतिनिधियों में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त, वीएस संपत, भारतीय मतदाता संगठन के अध्यक्ष डॉ. रिखब चंद जैन, रमाकांत गोस्वामी, दिल्ली प्रेस के मुख्य संपादक परेश नाथ, दूरदर्शन के सलाहकार संपादक विजय क्रान्ति, चुनाव आयोग के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार,डॉ. कपिल कौल, एनाआई के प्रमुख रवि प्रकाश, लेखक पुष्प रंजन, नेशनल एक्सप्रेस के संपादक विपिन गुप्ता, देश बन्धु के राजीव रंजन श्रीवास्तव, प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के महासचिव विनय कुमार, अमलेंदु उपाध्याय, हार्ड न्यूज़ के संजय कपूर, दिल्ली पत्रकार संघ के महासचिव प्रमोद सैनी, भारतीय मतदाता संगठन के सचिव राजेन्द्र स्वामी, भारतीय मतदाता संगठन के महासचिव विमल वधावन योगाचार्य, आदि प्रमुख रहे। संगोष्ठी के दौरान उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि राजनीतिक पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित के लिए कार्य करना चाहिए। पार्टियों को किसी भी व्यक्ति को अपने उम्मीदवार बनाने से पहले उसके चरित्र, लोकप्रियता, सेवाभाव आदि गुणों को ध्यान में रखना चाहिए और धनबल या बाहुबल के चक्कर में फंसकर गलत लोगों को टिकट नहीं देना चाहिए। साथ ही लोगों ने चुनाव आयोग के अधिकार की समीक्षा करके बढाने पर जोर डाला।
गौरतलब है कि भारतीय मतदाता संगठन (एनजीओ) पिछले कुछ सालों से मतदाता अधिकार और चुनाव प्रक्रिया में सुधार को लेकर आवाज उठा रही है। इसके लिए संगठन के मतदाता मित्र समय-समय पर मतदाताओं के बीच जागरुकता फैलाने का कार्य करते हैं। ये मतदाता मित्र मतदाताओं के बीच जाकर उन्हें वोट का महत्व एवं अधिकार समेत कई अन्य जानकारी प्रदान करते है। संगठन का कहना है कि मतदाताओं के जागरुक होने से गलत लोगों का राजनीति में आना करीब-करीब बंद हो जाएगा और जब अच्छे लोग राजनीति में आएंगे तो देश का सर्वांगीण विकास होगा। वहीं इसके लिए संगठन प्रमुख डॉ रिखब चाँद जैन अपने लेखों और संबोधनों के जरिये सरकार और सरकारी एजेंसियों तक मतदाताओं के मन की बात भी पहुचाते रहे हैं।