नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से दूर रहेगी कांग्रेस, AAP और TMC समेत अन्य विपक्षी पार्टियां, सरकार बोली- इतिहास देखें

 

Parliament New Building Inauguration: संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर घमासान शुरू हो गया है. पीएम मोदी (PM Modi) 28 मई को संसद की नई इमारत का उद्घाटन करने वाले हैं. विपक्षी दलों की मांग है कि नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) से कराया जाए. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की बात कही है.

 

1. नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की विपक्ष की मांग के बीच मंगलवार (23 मई) को कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया. कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए. संयुक्त विपक्ष भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगा.

2. कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह इस बारे में उचित समय पर उचित फैसला करेगी कि संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होना है या नहीं. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है.

3. उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है? ये पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस समारोह का बहिष्कार करेगी तो वल्लभ ने कहा कि उचित समय पर उचित फैसला किया जाएगा.

4. तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि वे उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है. ये पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है. ये भारतीय लोकतंत्र की नींव है. प्रधानमंत्री मोदी ये नहीं समझते हैं. उनके लिए, रविवार को नई इमारत का उद्घाटन सिर्फ मैं, खुद के बारे में है. इसलिए हमें इससे बाहर रखें. भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्धघाटन समारोह में भाग नहीं लेगी.

5. तृणमूल सांसद और नेता सौगत राय ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि हमारे राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर लिखा कि टीएमसी ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है. इसका कारण ये है कि हमें लगता है कि संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए न कि प्रधानमंत्री को. ये संविधान के खिलाफ है.

6. विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कुछ लोगों को राजनीतिक रोटियां सेकने की आदत पड़ गई है. हमारे इतिहास में कुछ ऐसे मौके आते हैं जब हम सबको इकट्ठा होकर किसी चीज को मनाना चाहिए. इसी प्रकार संसद भी एक उत्सव मनाने का मौका है. उन्होंने कहा कि अगस्त 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया और 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय का उद्घाटन किया. अगर आपकी (कांग्रेस) सरकार के मुखिया संसद का उद्घाटन कर सकते हैं, तो हमारी सरकार के प्रमुख ऐसा क्यों नहीं कर सकते. सीधी सी बात है.

7. पुरी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री उलझाने की और बहानेबाजी की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे इस बात का डर है कि मंत्री हरदीप सिंह पुरी उलझाने की और बहानेबाजी की कोशिश कर रहे हैं. संसद की एनेक्सी और पुस्तकालय व नई संसद भवन के बीच अंतर है. वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि निश्चित रूप से, एक एनेक्सी और एक भवन का उद्घाटन करने के बीच बुनियादी अंतर है.

8. आम आदमी पार्टी ने भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की. आप ने कहा कि हम नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं. उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने के मामले को लेकर उठ रहे सवालों के मद्देनजर आप ने ये फैसला किया है. सूत्रों के अनुसार, राजद, जदयू, डीएमके, शिवसेना, एनसीपी, सपा भी समारोह का बहिष्कार कर सकते हैं.

9. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं. दोनों सदनों के सांसदों को डिजिटल और फिजिकल दोनों तरह से समारोह के लिए निमंत्रण भेजा गया है और समारोह रविवार सुबह 11.30 बजे शुरू होगा, जो करीब दो घंटे का होगा.

10. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि पहली बात तो नए संसद भवन की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि मौजूदा संसद भवन से 100 और सालों तक काम चल सकता था. राजनीतिक लालच ने नई दिल्ली में नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना को प्रेरित किया. राष्ट्रपति संसद का प्रमुख और लोकतंत्र का संरक्षक भी होता है. राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए. प्रधानमंत्री और अध्यक्ष प्रोटोकॉल में बाद में आते हैं, लेकिन ऐसा चुनाव के लिए किया जा रहा है.

Comments are closed.

|

Keyword Related


prediksi sgp link slot gacor thailand buku mimpi live draw sgp https://assembly.p1.gov.np/book/livehk.php/ buku mimpi http://web.ecologia.unam.mx/calendario/btr.php/ togel macau http://bit.ly/3m4e0MT Situs Judi Togel Terpercaya dan Terbesar Deposit Via Dana live draw taiwan situs togel terpercaya Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya slot gar maxwin Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya Slot server luar slot server luar2 slot server luar3 slot depo 5k togel online terpercaya bandar togel tepercaya Situs Toto buku mimpi