Sunday, May 5, 2024
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Mission 2024 : मोदी के सामने पीएम के मजबूत दावेदार साबित हो सकते हैं वरुण गांधी 

चरण सिंह राजपूत 

नई दिल्ली। विपक्ष का कहना है कि उनकी लामबंदी देश को बचाने की है। चाहे पटना की मीटिंग हो या फिर बेंगलुरु की दोनों ही मीटिंग से विपक्ष की ओर से देश और संविधान को बचाने की बात सामने निकल कर सामने आई है। इसमें दो नहीं है कि विपक्ष के लगभग सभी दलों के मुखिया को केंद्र सरकार ने किसी न किसी मामले में लपेट रखा है। चाहे कांग्रेस के राहुल गांधी हो, आप के अरविन्द केजरीवाल हों, टीएमसी की ममता बनर्जी हों, एनसीपी के शरद पवार हों, राजद के तेजस्वी यादव हों, जदयू ने नीतीश कुमार हों, सपा के अखिलेश यादव हों।  ये सभी नेता किसी न किसी मामले को लेकर दबाव बना रखा है। यही वजह है कि विपक्ष प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं बना पा रहा है। जहां यूपी में अखिलेश यादव को पीएम पद का उम्मीदार बनाने के पोस्टर लग गए हों तो टीएमसी में ममता बनर्जी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की पैरवी की जा रही है। जगजाहिर है अखिलेश यादव ही नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार भी पीएम पद के मजबूत उम्मीदवार नहीं हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि फिर नरेंद्र मोदी की काट कहां से लाएं ?

 

 

यदि कांग्रेस वास्तव में ही देश को बचाना चाहती है तो फिर कांग्रेस को पीछे जाकर संजय गांधी के अस्तित्व  में देश का भविष्य तलाशना होगा।
जी हां इस समय देश में मोदी की काट बीजेपी के ही नेता वरुण गांधी हैं। वैसे भी वरुण गांधी ने बीजेपी में ही रहकर मोदी के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोल रखा है। वरुण गांधी के चाहे लेख हों या  फिर भाषण सभी में तर्कों के साथ बीजेपी का घेराव होता है। देश के युवाओं का एक बड़ा तबका वरुण गांधी का प्रशंसक है। वह वरुण गांधी ही हैं जिन्होंने सांसदों की पेंशन का मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि सांसदों को इस बात पेंशन ?

यदि कांग्रेस वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल कर विपक्ष के प्रधानमंत्री पद का दावेदार बना देती है तो फिर मोदी को हराने की सोची जा सकती है। वैसे भी स्वभाव से वरुण गांधी भी पिता संजय गांधी की तरह कांग्रेसी और जमीनी बात करते हैं। आज की तारीख में मोदी सरकार पर जितना आक्रामक वरुण गांधी हैं उतना तो खुद राहुल गांधी भी नहीं हैं। वरुण गांधी को आगे कर राहुल गांधी उनके साथ लग लें तो बीजेपी को घेरने में आसानी होगी।
वरुण गांधी सेकुलर और हिंदुत्व दोनों ही चेहरों में फिट बैठते हैं। चाहे महंगाई का मामला हो या फिर कानून व्यवस्था का या फिर पीएम के काम करने के तरीके का। वरुण गांधी हम मामले में आक्रामक रहते हैं। इसमें भी दो रॉय नहीं कि यदि वरुण गांधी कांग्रेस में आ जाते हैं तो बीजेपी से भी बड़े स्तर पर नेता कांग्रेस में आ जाएंगे। वरुण गांधी हर मामले में पीएम मोदी पर 21 बैठते हैं।
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