बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली के नरेला के बाकनेर गांव में कलयुगी बेटे ने करवाया बाप का कत्ल । कॉंट्रॅकट किलर्स से कराया मर्डर । करोड़ों की संपत्ति के मालिक की हत्या का केस क्राइम ब्रांनच ने किया सॉल्व । 70 लाख रुपयों के कर्जे में दबा था और पिता ने उसे पूरी संपत्ति से बेदखल कर दिया था। संपत्ति पाने की छटपटाहट में बेटे ने 20 लाख रुपये की सुपारी देकर बुजुर्ग पिता का कत्ल करवा दिया। उसके बाद जमीनें बेचकर न सिर्फ अपना कर्जा चुकाया, बल्कि सुपारी पर हत्या करने वालों की जेब भी भरता रहा। इस केस को 10 महीने बाद क्राइम ब्रांच ने सॉल्व किया है। आरोपी बेटे के साथ दोनों कांट्रेक्ट किलर गिरफ्तार किये । बाकनेर गांव की बैंक स्ट्रीट पर रहने वाले मामन (60) करोड़ों की संपत्ति के मालिक थे। 2 नवंबर 2014 को रोजाना की तरह सुबह सैर पर निकले थे। रास्ते में बाइक सवार हत्यारों ने गुप्ती (चाकूनुमा लंबा नोंकदार हथियार) से उनके सीने पर वार करके हत्या कर दी। इस बाबत नरेला पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया, लेकिन 10 महीने की छानबीन में कोई नतीजा नहीं दे सकी। इधर, एक मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच ने केस सॉल्व कर दिया। क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि बाकनेर के बुजुर्ग मामन के मर्डर में उनके बेटे अशोक उर्फ चौटाला का हाथ है। हत्या की सुपारी दो बदमाशों को दी गई थी। आरोपियों की धर-पकड़ और साक्ष्य जुटाने के लिए एडिशनल सीपी आलोक कुमार व डीसीपी राजीव शर्मा की देखरेख में एसीपी जितेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर अशोक कुमार और उनकी टीम जुट गई। हत्या की सुपारी लेने वाले दोनों बदमाश बाकी की रकम लेने अशोक से मिलने आए, तभी क्राइम ब्रांच की टीम ने तीनों को धर-दबोचा। बाकी दोनों आरोपियों की पहचान जितेंद्र उर्फ टिंकू उर्फ फौजी और नीटू उर्फ काला के रूप में हुई। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बताया कि मामन गांव के जाने-माने शख्स थे। उनके इकलौते बेटे अशोक से संबंध अच्छे नहीं थे। अशोक जुए की आदत और पहली पत्नी से तलाक के झगड़े के चलते करीब 70 लाख रुपयों के कर्जे में दबा था। उसने मामन से रुपये मांगे तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। इस कारण झगड़ों के चलते अशोक को संपत्ति से बेदखल भी कर दिया। अशोक को जब पता चला कि पिता सारी संपत्ति उसकी शादीशुदा बहन के नाम करने की तैयारी कर रहे हैं तो उसने उनकी हत्या कराने का इरादा कर लिया। घटना से करीब एक महीने पहले जितेंद्र और नीटू को 20 लाख रुपये की सुपारी दी गई। उन्हें बताया कि पिता सुबह सैर पर किस समय और कहां जाते हैं। तय साजिश के तहत सैर पर निकले मामन की सुबह करीब 6:30 बजे गुप्ती घोंपकर हत्या कर दी गई। अशोक कांट्रेक्ट कीलर्स को 14 लाख रुपये दे चुका था। गिरफ्तारी के समय आरोपी उससे बाकी रुपये लेने आए थे। पुलिस के अनुसार, अशोक (37) सिर्फ 10वीं तक पढ़ा था। नरेला के सत्यवादी राजा हरीशचंद्र अस्पताल में नर्सिंग अर्दली के तौर पर काम करता था। जितेंद्र उर्फ फौजी (26) नजफगढ़ का रहने वाला है। इससे पहले झपटमारी और लूटपाट की वारदात करता रहा है। नीटू और जितेंद्र गहरे दोस्त हैं। दोनों सट्टा भी खिलवाते हैं। इस घटना में खून के रिश्ते तार तार हो गए।