मेरठ
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 28 फरवरी को किसान महापंचाय के दौरान केंद्र की मोदी सरकार समेत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों पर जुल्म ढा रही है। किसानों पर लाठियां बरसा रही हैं, कीलें ठोकी जा रही है। ऐसा करते हुए भाजपा ने अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया है। अंग्रेज सरकार ने किसानों पर जितने जुल्म नहीं किए थे, भाजपा उससे ज्यादा जुल्म किसान के ऊपर कर रही है।
केजरीवाल ने कहा कि 95 दिनों तक कड़कती ठंड में बोर्डर बैठ किसानों का आंदोलन सबसे पवित्र और देशभक्तों का है। जो देश से प्यार करते हैं वे इस आंदोलन के खिलाफ नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में न हिंसा हुई और न कोई बवाल हुआ। आंदोलन में छोटे—बड़े हर तबके के किसान हैं। मैं उनके साथ तन—मन—धन से खड़ा हूं।
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उन्होंने कहा कि 250 से ज़्यादा किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन सरकार पर जूं नहीं रेंग रही। पिछले 70 साल में इस देश के किसान ने केवल धोखा देखा है। वह अपनी फ़सल का सही दाम मांग रहा है। अगर सही दाम दे देते तो किसान आत्महत्या नहीं करता। भाजपा ने 2014 के घोषणापत्र में कहा था कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे। किसानों ने इन्हें जमकर वोट दिया। तीन साल बाद भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविट में लिखा कि वह एमएसपी नहीं देंगे। इन्होंने किसानों की पीठ में छुरा मार दिया। भाजपा कहती है कि एमएसपी नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसमें 17 लाख करोड़ का खर्च आएगा। मैं कहना चाहता हूं कि किसान आपसे एमएसपी फ्री में नहीं मांग रहा, बल्कि किसान अपनी फसल देगा। सरकार उस फसल को बेच कर पैसा तो कमाएगी। केंद्र सरकार चाहे तो 23 की 23 फसलें एमएसपी पर उठा सकती है।
केजरीवाल ने तीनों नए कानून को डेथ वारंट करार दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के ये तीन कानून किसानों के डेथ वारंट हैं। इनके लागू होने के बाद किसानों की बचीखुची खेती केंद्र सरकार अपने तीन-चार बड़े पूंजीपति साथियों के हाथों में सौंपना चाहती है। सबकी खेती पूंजीपति के हाथ मे चली जाएगी और किसान अपने खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा। इसे बचने के लिए ही किसान आज सड़क पर हैं। पिछले 25 साल में साढ़े 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके है।
केजरीवाल में लालकिले कांड के संबंध में केंद्र सरकार पर सीधे—सीधे आरोप लगाया कि उसे उन्होंने ही कराया। केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं, उत्तर प्रदेश, पंजाब के लोगों और किसानों ने मुझे बताया कि ये जानबूझकर उधर भेज रहे थे। जिन्होंने झंडे फहराए वो इनके अपने कार्यकर्ता थे। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 9 स्टेडियम को जेल बनाने के लिए पत्र भेजा था, जिसकी फ़ाइल उन्होंने मेरे पास भेजी। हमने फाइल क्लियर नहीं की। अगर हम जेल बनाने देते तो ये किसानों को वहां कैद कर लेते और सारा आंदोलन खत्म हो जाता।
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अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और सरकार के लोग कह रहे हैं कि एमएसपी था, है और रहेगा। मैं योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहता हूं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की एक मंडी दिखा दो जहाँ एमएसपी पर धान उठती हो। योगी आदित्यनाथ बताएं कि उनकी क्या मजबूरी है जो पूरी सरकार चीनी मिल मालिकों के आगे घुटने टेक कर बैठी है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर किसानों को चीनी मिल मालिकों से उनके पैसे नहीं दिला सकते तो यह सरकार पर धिक्कार है।
इसी के साथ केजरीवाल ने अपनी पार्टी आप को बिजली, पानी जैसे मुद्दों पर काम करने वाली बताते हुए कहा कि भाजपा ने किसानों से 25,000 रुपए लेकर बिजली के मीटर लगा दिए। दिल्ली में 73 फीसदी लोगों के बिजली बिल जीरो आते हैं। अच्छी नियत की सरकार ले आएं, गैस के दाम भी कम हो जाएंगे, पेट्रोल के दाम भी कम हो जाएंगे और यहां ट्यूबवेल के साथ बिजली भी मुफ़्त कर देंगे।
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