विवाह दो आत्माओं का मिलन
विवाह से पहले पति – पत्नी में एक दूसरे के लिए प्यार और सम्मान की भावना होती है किन्तु विवाह के कुछ महीनों या कुछ सालों के बाद सारा सम्मान और सारा प्यार नष्ट हो जाता है। इस समस्या को समझने के लिए सबसे पहले ये समझना होगा की वास्तव में विवाह क्या है ? जीवन में सही मायने में एक दूसरे को प्यार करने वाली दो आत्माओं का मिलन ही विवाह है , और एक ऐसा रिश्ता जिसे स्वयं परमेश्वर भी अलग नहीं कर सकता। पर दुर्भाग्य से लम्बे समय से चल रही शादी मैं कुछ खटास आ जाती है। आज – कल तो शादी करना और अलग हो जाना फैशन सा बन गया है।जब पति – पत्नी में झगड़ा हो जाता है तो गुस्से में आकर एक दूसरे के लिए प्यार महसूस करते हुए भी अपने आत्मसम्मान के कारण अलग हो जाते है। प्यार को दरकिनार रखकर झूठे आत्मसम्मान को अहमियत देते है। इससे बचने के लिए, या निपटने के लिए, अपने प्यार को जानिए ,समझिए , अपने पार्टनर की छोटी – छोटी गलतियों को नज़रअंदाज़ कीजिए और अपने गुस्से पर थोड़ा कंट्रोल कीजिए ये लंबी और सफल शादी की कुंजी है।
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