अपनी पत्रिका ब्यूरो
नई दिल्ली।चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा है कि हर जगह किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। गत तीन महीने से किसान ख़राब फसलों के मुआवजे के लिए शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं पर प्रदेश सरकार है कि उसके कानों पर जूं नहीं रेंग रही है।
यह जब्त अनुराग ढांडा ने गांव नारायण खेड़ा में पहुंचकर धरनारत किसानों को समर्थन देते हुए कही। आप नेता ने कहा कि खट्टर सरकार से प्रदेश का हर वर्ग परेशान है। मुख्यमंत्री हैं कि वह गैर जिम्मेदार बयानबाजी करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मनोहर लाल खट्टर किसानों को मुआवजा राशि नहीं दे सकते और जनता को सुरक्षा नहीं दे सकते तो फिर उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। आप नेता का कहना है कि किसान किसी भी सरकारी सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो प्रति एकड़ के हिसाब 2000 रुपए बीमा के नाम पर प्रीमियम काट लिया जाता है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जब बीमा देना होता है तब इनके पेट में दर्द हो जाता है। और तब एकड़ के हिसाब से बीमा नहीं दिया जाता है। बीमा एजेंसी और सीएससी के नाम पर किसान को उलझा देते हैं। उनका कहना था कि इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार जब प्रीमियम हर एकड़ पर लेती है तो किसानों को अपनी बात मनवानी पड़ेगी कि नुकसान भी सरकार को प्रति एकड़ के हिसाब से देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 750 करोड़ का मुआवजा एक साल से पेडिंग है। प्रदेश सरकार ब्याज भी खा जाती है। ज्यादातर किसान को तो 2020 से मुआवजा बकाया है। यदि यदि सरकार इसको न दिलवाये तो अधिकारियों के पास कितना पैसा जाता होगा जितना किसानों को मिलता है। उससे से आधा तो किसान संघर्ष के दौरान खर्च कर देते हैं। सारी कंपनियों से सांठगांठ है।
उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर को गरीब किसानों की आवाज सुनाई नहीं देती है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए थे लेकिन हमने हमारे ऊपर थोपे गए तीन कानून को ही वापस करवाया। वह किसान के स्वाभिमान की जीत जरूर थी लेकिन हम लोग सरकार से कुछ ले नहीं पाए। उन्होंने किसानों का आव्हान किया कि किसानों को इस धरने पर बैठना पड़ेगा।