अलवर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और राजस्थान के कद्दावर किसान नेता हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया। केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में बेनीवाल ने गठबंधन तोड़ा है।
उन्होंने राजथान.हरियाणा बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए एनडीए से नाता तोड़ने की बात कही। बेनीवाल ने मंच से ऐलान किया कि केंद्र सरकार किसान विरोधी बिल वापस नहीं ले रही है इसलिए हनुमान बेनीवाल एनडीए में नहीं रहेंगे। मैंने एनडीए छोड़ दी है। हनुमान बेनीवाल नेकहा कि वह कांग्रेस के साथ कोई भी गठबंधन नहीं करेंगे। शनिवार रात उनका पड़ाव शाहजहांपुर बॉर्डर पर ही रहेगा। अगली रणनीति बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान निधि से किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी। किसानोंकी स्थिति उसका माल 4 गुना कीमत पर मंडी में जाए और बिके तब होगा। किसान के बेटों को रोजगार मिले।
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काफिला बॉर्डर पर पहुंचा
शनिवार को यहां राष्ट्री लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पहुंचे। उनके साथ 200 गाड़ियों में करीब 800 लोगों का काफिला भी बॉर्डर पर पहुंचा है।
बेनीवाल ने कहा कि भाजपा से गठबंधन समाप्त हो गया है। अगर जरूरत पड़ी तो संसद से इस्तीफा दे दूंगा।
अगर कानून लाते वक्त मैं संसद में होता तो यह बिल की प्रतियां फाड़ देता। अकाली दल ने बिल का विरोध किया था। मैं भी उसी समय विरोध करता। लेकिन मेरी कोरोना की झूठी पाजिटिव रिपोर्ट बताकर मुझे लोकसभा में प्रवेश नहीं दिया। मैं 12 तारीख को 10.15 हजार किसानों के साथ शाहजहांपुर बॉर्डर पर आया था लेकिन गृह मंत्री ने कहा था कि थोड़ा समय दो। सरकार किसानों को लेकर चिंतित है। तब आंदोलन स्थगित किया था लेकिन अब आर.पार की लड़ाई होगी।
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