यरम नूर
डीडीए से रियायती ज़मीं लेकर बने प्राइवेट स्कूलों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम फैसला लेते हुए कहा की प्राइवेट स्कूल भले सरकार से सहायता नहीं लेते लेकिन फीस बढ़ाने से पहले उन्हें राज्य सरकार की मंजूरी लेनी ज़रूरी है। साथ ही चीफ जस्टिस की अगुवाईयो ने कहा कि ऐसे स्कूल डीडीए के अलॉटमेंट लेटर की शर्त मैंने के लिए बाध्य है ।
अदालत ने डीडीए को निर्देश दिया है कि वह उन स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करे जिन्होंने फीस बढ़ाएं जाने के मामले में नियम का उलंघन किया है, इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से अर्ज़ी दाखिल कर कहा है की जिन प्राइवेट गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलो को डीडीए ने लैंड अलॉट किया है,उन्हें फीस बढ़ाने से पहले दिल्ली सरकार के डायरेक्टर ऑफ़ एजुकेशन से इजाज़त लेनी होगी। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के जज़मेंट का हवाला देकर कहा की ये साफ है कि स्कूल मुनाफाखोरी और कमर्शलाइजेशन नहीं कर सकते, और न हीं डीडीए इस बात में सक्षम है कि वह देखे के स्कूल ने फीस में जो बढ़ोतरी की है वह 15 % से ज्यादा तो नहीं है । अदालत ने डीडीए को निर्देश दिया है कि फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर एक्शन लिया जाए और दिल्ली स्कूल एडुकेशन एक्ट का पालन करे ।