फिरोजाबाद । क्षय रोग पर काबू पाने के प्रयास में एफएच मेडिकल कॉलेज टूंडला ने सौ टीबी मरीजों को गोद लिया है, और प्रथम किस्त के रूप में दो मई को मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने बीस टीबी रोगियों को पोषण किट वितरित की।
मेडिकल कॉलेज की सराहना करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र सिंह ने कहा कि इसी प्रकार अन्य संस्थाएं भी आगे आकर टीबी मरीजों को निक्षय मित्र बनकर गोद ले सकती हैं।
डीटीओ डॉ बृजमोहन ने कहा कि क्षय रोगी समय पर दवा का सेवन करें तथा दवा का कोर्स बीच में ना छोड़ें, ऐसा करने से टीबी रोग से जल्द निजात मिल सकती है। उन्होंने कहा कि टीबी रोगी के संपर्क में आने वाले लोगों को भी अवश्य जांच करानी चाहिए। साथ ही टीबी रोगी अपने आहार पर विशेष ध्यान दें जिससे वह शीघ्र स्वस्थ हो सकें।
एफएच मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आरके सिंह ने कहा कि क्षय रोग के खिलाफ देश में जंग जारी है। प्रधानमंत्री का सपना है कि वर्ष 2025 तक टीबी पर काबू पाया जा सके और हम सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए।
टीबी विभाग के हेड डॉ संजीव आनंद ने कहा कि टीबी एक गंभीर बीमारी है। इसकी समय से जांच और उपचार बहुत जरूरी है, इसमें लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
डीपीपीएमसी मनीष यादव ने कहा कि विभाग के प्रयासों से टीबी रोगियों को गोद लेने का अभियान जारी है। अभियान के तहत क्षय रोगियों को भावनात्मक और सामाजिक सहयोग के साथ ही प्रत्येक माह पुष्टाहार भी उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि टीबी की जांच और उपचार सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है, इसलिए संभावित लक्षण वाले लोग टीबी की तुरंत जांच कराएं।
उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत पोषण सामग्री के लिए प्रत्येक माह डीबीटी के माध्यम से उपचार जारी रहने तक 500 रुपये की राशि खाते में भेजी जाती है।
टीबी रोगी रजिया बदला हुआ नाम ने बताया उसको दो माह पहले गले में दर्द और बुखार की शिकायत थी। प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। पिता ने आशा बहन जी से मुलाकात में जानकारी ली। उनके कहने पर टीबी अस्पताल में जांच कराई जिसमें टीबी की पुष्टि हुई। डॉक्टर ने पौष्टिक आहार खाने और छह माह तक दवा खाने के लिए कहा है।
टीबी के संभावित लक्षण-
– भूख न लगना कमजोरी होना
– शरीर में दर्द रहना
– रात में हल्का बुखार रहना
– वजन कम होना