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डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि मना रहा है देश

By Jagdish Panwar

December 06, 2020

प्रियंका आनंद, अपनी पत्रिका

नई दिल्ली। आज 6 दिसंबर को राष्ट्र संविधान निर्माता डाक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि मना रहा है। आज की तिथि भारत में एक ऐतिहासिक तिथि के रूप में मानी जाती है !आज ही के दिन हमारे देश को संविधान प्राप्त हुआ था। जिसका सारा श्रेय डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को समर्पित है।अंबेडकर की शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय से बीए, कोलंबिया विश्वविद्यालय से एमए, पीएचडी,एलएलबी,लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से एमएससी, डीडीएससी हासिल की।वह पहले ऐसे भारतीय थे जिन्होंने विदेश जा कर डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की और जब वह 1926 में भारत लोटे तो उनके नाम के आगे डॉक्टर का ख़िताब लगाया गया और उन्हें मुंबई की विधानसभा का सदस्य चुना गया।

भीमराव के पिता शुरू से ही अपने बच्चो की परवरिश और शिक्षा को अधिक महत्व देते थे। भीमराव ने अपने एक ब्राह्मण मित्र के कहने पर अपने नाम के आगे से सकपाल हटाकर आंबेडकर लगा दिया जो अम्बावड़े नामक गांव से प्रेरित था। डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने अपना सारा जीवन दलित और पिछड़े वर्ग की व्यवस्था सुधारने में लगा दिया।उस समय दलित तथा पिछड़े वर्ग पर कई तरह की सामाजिक बुराइया ने अपना रूप धारण किया हुआ था। लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबद्ध लगाया जाता था। अगर कोई अपनी बेटी को शिक्षा देना भी चाहता था तो कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाती थी। भ्रूण हत्या तथा बाल विवाह जैसे अन्य सामाजिक कुरुतियाँ के खिलाफ भी आंबेडकर ने काफी संघर्ष किया है। दलित वर्ग की महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए भीमराव आंबेडकर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के महान विचार जो वह अकसर कहा करते थे कि जीवन लम्बा होने की बजाए महान होना चाहिए। हम सबसे पहले और अंत में भारतीय है। शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।साल 1956 में उन्होंने बोध धरम अपनाया और उनसे प्रोत्साहित होकर अनेक दलितों ने भी ऐसा ही किया। वर्ष 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित कर आज़ाद देश के पहले कानून मंत्री बनाए गए। आज पूरा देश उन्हें भारतीय संविधान का पिता भी कहता है।

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