Saturday, July 27, 2024
Homeअन्यDemonetisation : 2000 के नोट ब्लैक मनी को खत्म करने के लिए...

Demonetisation : 2000 के नोट ब्लैक मनी को खत्म करने के लिए या फिर व्हाइट करने के लिए ?

चरण सिंह राजपूत 
यदि ब्लैक मनी रोकने के लिए 2000 का नोट बंद किया गया था तो फिर 2016 की नोटबंदी में 2000 का नोट क्यों जारी किया गया था ? वह नोटबंदी भी तो ब्लैक मनी रोकने के नाम पर की गई थी। उस नोटबंदी में जनता परेशान तो बैंक और ब्लैक मनी रखने वाले मालामाल हुए थे। तो क्या यह नोटबंदी भी बैंकों में पैसा भरने और ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए की गई है।
दरअसल 2016 की नोटबंदी में 60 फीसदी ब्लैक मनी व्हाइट की गई थी। इस बार भी रिजर्व बैंक 10.9 फीसदी 2000 के नोट बता रहा है। ऐसे में बड़े स्तर पर ब्लैक मनी होगी। तो क्या इस बार भी सरकार 60 फीसदी ब्लैक मनी व्हाइट करने जा रही है ? यदि ऐसा होगा तो यह नोटबंदी भी बैंकों और माफियाओं के लिए मानी जाएगी।
दरअसल 2016 में जब नोटबंदी की गई थी तो यह तर्क दिया गया था कि यह नोटबंदी ब्लैक मनी को खत्म करने के लिए की गई है। इस नोटबंदी में 500 और 1000 के नोट बाजार से बंद किये गए थे। लोग आश्चर्य में तब पड़ गए थे जब 2000 का नोट जारी कर दिया गया था। मतलब ब्लैक मनी जमा करने का और मौका देना। हुआ भी यही, नोटबंदी के कुछ दिनों बाद ही कई माफियाओं से करोड़ों रुपए 2000 के नोट के रूप में जब्त किये गए थे।
 यह नोटबंदी अपने आप में अनोखी थी कि एक ओर सरकार और उसके समर्थकों का यह कहना था कि पाकिस्तान से 500 और 1000 नकली नोट आ रहे हैं। इसकी वजह से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। नोटबंदी से आतंकवादियों की कमर तोड़ने की बात कही गई थी, जबकि पुलवामा आतंकी हमला भी नोटबंदी के बाद हुआ था।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments