–लोकेश कुमार
बाहरी दिल्ली। किराड़ी में बन रहे अस्थाई छठघाट को रोकने की कोशिस पुलिस के साथ डीडीए अधिकारयों को इतनी महंगी पड़ी की वे आफत में फस गए। उन्हें हज़ारों लोगों ने घेर लिया और न केवल पुलिस और डीडीए अधिकारी के साथ झड़प और मारपीट हुए बल्कि उन्हें दो घंटे तक बंधक भी बनाये रखा। स्थानीय लोगों और विधायक के हस्तक्षेप के बाद बड़ी मुश्किल से पुलिस जिप्सी और डीडीए के अधिकारी को भीड़ से निकला गया।
वीरवार को डीडीए पुलिस बल के साथ किराड़ी सुखी नहर के पास मैदान में पहुंची तो वहां ईंटों से घाट का निर्माण चल रहा था। डीडीए के अधिकारी नरेश बंसल और उनके साथ आये कर्मचारियों ने लात मारकर छठ घात की दिवार तो तोडना शुरू किया तो वहां मौजूद लोग भड़क गए। और कुछ ही देर में वहां लोगों का हुजूम लग गया। डीडीए अधिकारी यह देख डर कर भागने लगे तो लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। दो कर्मचारी भागने में कामयाब रहे जबकि सहायक अभियंता नरेश बंसल फस गए। लोगों ने उनकी पिटाई की और कपडे तक फाड़ दिए। पुलिस ने जैसे तैसे उसे जिप्सी में डाला तो लोगों ने अधिकारी को पुलिस जिप्सी समेत बंधक बना लया। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता नईम खान ने उन्हें समझाया लेकिन भीड़ कुछ भी सुनाने समझने को तैयार नहीं थी।
सूचना मिलाने पर मौके पर पहुंचे स्थानीय विधायक ऋतुराज ने बड़ी मुश्किल से लोगों को समझकर शांत किया। ऋतुराज ने आरोप लगाया की यह बीजेपी की साजिश है। वह साम्प्रदायिक और सामाजिक माहौल बिगड़ने की कोशिस कर रही है। यह छठ हर साल इस जमीन पर अस्थाई घात बनाकर मनाया जाता है। यह जमीन दिली सरकार की है फिर भी न जाने क्यों डीडीए इसे तोड़ने की कोशिस कर रही थी। भीड़ को शांत करने के लिए ऋतुराज को पीसीआर की गाड़ी पर चढ़ना पड़ा।
बहरहाल आप विधायक ने कहा की डीडीए के खिलाफ वे एलजी को शिकायत देंगे और दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी मुलाक़ात करेंगे। यह मुद्दा किराड़ी में सियाशी रंग भी लेने की तयारी में है।