Azamgarh : सवालों पर सवाल खड़ा कर रहा है श्रेया की आत्महत्या का मामला 

मोबाइल रखने पर क्लास से बाहर खड़ा करना कोई अपराध तो नहीं  आत्महत्या करने का कारण कुछ और तो नहीं ? लगातार सामने आ रहे कॉलेजों में मोबाइल से छात्राओं की प्राइवेट वीडियो बनाने और वायरल करने के मामले  मां बाप के डांटने पर भी हो रहे आत्महत्या करने के मामले  खत्म हो रही गुरु शिष्य की परम्परा  अनुशासन के नाम पर शिष्य को दंड देने के परम्परा रही है देश में 

चरण सिंह राजपूत 

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पाय |
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय ||

महान संत कबीर दास के इस दोहे में शिक्षक को भगवान से भी बड़ा बताया गया है। इस दोहे के माध्यम से कबीर दास ने यह कहने का प्रयास किया है कि जिंदगी में कभी ऐसे हालात पैदा हो जाएं कि गुरु और गोविन्द यानि कि भगवान एक साथ खड़े मिल जाएं तो पहले गुरु को प्रणाम करना चाहिए। कबीरदास का तर्क था कि गुरु ने ही हमारा गोविन्द से परिचय कराया है। इसलिए गुरु का स्थान भगवान से ऊंचा है।क्या आज के शिक्षक और छात्र कबीर दास के इस दोहे से कुछ सबक ले रहे हैं ? उत्तर न में ही आएगा। शिक्षकों के कारनामे समय – समय पर सुनने और देखने को मिल जाते हैं और छात्रों के भी।

 

आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में जिस तरह से 11वीं कक्षा की छात्रा ने तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या की। जिस तरह से छात्रा के मोबाईल लाने पर क्लास टीचर पर उसे क्लास से बाहर खड़ा करने का आरोप है। जिस तरह से क्लास टीचर और प्रिंसिपल पर साक्ष्य छुपाने आरोप है। जिस तरह से लड़की की पिता ने हत्या का मामला दर्ज कराया है। जिस तरह से क्लास टीचर और प्रिंसिपल की गिरफ्तारी हुई है। इस मामले में किसका दोष कहें, किसकी गलती कहें और किस तरह का माहौल बनने का आरोप लगाएं, कहना इतना आसान नहीं है।
पुलिस ने तो वाहवाही बटोर कर क्लास टीचर और प्रिंसिपल की गिरफ्तारी कर ली पर जब कॉलेजों में छात्राओं की प्राइवेट वीडियो बनाने और उसे वायरल की ख़बरें सामने आती हैं तो फिर पुलिस किसे दोषी ठहराती है ? इस तरह से बात सामने आ रही है कि क्लास टीचर ने छात्रा के मोबाइल लाने पर उसे क्लास रूम से बाहर खड़ा किया था। यह तो इतनी बड़ी सजा नहीं थी कि छात्रा ने आत्महत्या कर ली। यदि मामला कुछ और था तो फिर यह जांच का विषय है।
देखने की बात यह भी है कि भले ही देश में कितने शिक्षकों के अनैतिक काम सामने आ रहे हों पर आज के इस बाजारीकरण के दौर में भी अधिकतर शिक्षक बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित होते हैं। उनके भले के लिए उन्हें डांटते हैं। शिक्षकों के डांटने से अनुशासनहीनता करना, अभिभावकों से शिकायत करना तो स्वभाविक है पर क्या शिक्षक की सजा पर इतना नाराज हो जाना कि सीधे आत्महत्या कर ली जाये। इस तरह के मामले अंदरूनी रूप से बच्चों के कमजोर होने के भी होते हैं। या फिर वह बच्चा इतना संवेदनशील है कि कुछ बर्दास्त नहीं कर पाता।

ऐसे में प्रश्न उठता है कि कितने मामले माता पिता के डांटने पर बच्चों के आत्महत्या के हो रहे हैं ? इन मामलों में कौन दोषी है ? यह कैसी युवा पीढ़ी तैयार कर रहे हैं हम ? हमारे देश में तो यह परम्परा रही है कि बच्चों को शिक्षकों को सौंप देते थे। निश्चित रूप से देश में काफी मामले शिक्षकों के अनैतिक कार्यों के आते हैं पर आज भी  अधिकतर शिक्षक बच्चों के भविष्य के प्रति गंभीर देखे जाते हैं। आज बच्चों को यह तो बता दिया जा रहा है कि जय श्री राम का नारा लगाना है। बच्चे जय श्री राम की जय जयकार करते तो घूम रहे हैं पर यह समझने को तैयार नहीं कि राम के पिता दशरथ ने राम को गुरु विश्वामित्र को सौंप दिया था। क्या राम को सजा नहीं मिली होगी ? क्या हमारे समाज में शिक्षकों के छात्रों को दण्डित करने की परम्परा नहीं रही है तो फिर आज के बच्चे जरा सी सजा पर आत्महत्या जैसे कदम क्यों उठा ले रहे हैं ? ऐसे में तो शिक्षक बच्चों को फ्री छोड़ देंगे कि वे कुछ भी करें। क्या ऐसे में बच्चों का भविष्य प्रभावित नहीं होगा ? ऐसे में कौन आना चाहेगा शिक्षक पेशे में ?

क्या टीचर बच्चों को सुधारने के लिए सजा भी नहीं दे सकते ?  बात श्रेया के आत्महत्या करने की ही नहीं है। यह तो बात टीचर के सजा देने की है। दूसरी ओर आज के परिवेश में जब बच्ची जरा जरा सी बात पर आत्महत्या कर ले रहे हैं। ऐसे में माहौल को कैसे संभाला जाये ? क्या ऐसे में शिक्षण संस्थानों के लिए सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं होनी चाहिए ?

दरअसल आजमगढ़ में हरबंशपुर के चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में 11वीं की छात्रा की खुदकुशी के मामले का खुलासा हो गया है। पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने और साक्ष्य मिटाने के आरोप में गुरुवार को प्रधानाचार्य सोनम मिश्र व क्लास टीचर अभिषेक राय को गिरफ्तार कर लिया है। क्लास टीचर के पास से छात्रा का बैग और मोबाइल भी बरामद हुआ। तीन दिन तक जांच और साथ पढ़ने वाली छात्राओं से पूछताछ के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। एसपी अनुराग आर्य ने सीओ सिटी गौरव शर्मा के नेतृत्व में घटना की जांच के लिए टीम गठित की थी।
गुरुवार को घटना का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में 31 जुलाई को लगभग 12 बजे छात्रा का प्रधानाचार्य कक्ष में जाना और बाहर निकलकर काफी देर तक खड़े रहना दिखाई दे रहा है। करीब एक बजे वह प्रधानाचार्य के कमरे से सीढ़ी के रास्ते ऊपर जाते हुए भी दिख रही है। एक अन्य फुटेज में छात्रा तीसरी मंजिल से गिरते हुए दिख रही है। इस मामले में प्रिंसिपल सोनम मिश्रा व क्लास टीचर अभिषेक राय को गुरुवार सुबह विद्यालय से गिरफ्तार किया गया।

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