विवाह से पहले पति – पत्नी में एक दूसरे के लिए प्यार और सम्मान की भावना होती है किन्तु विवाह के कुछ महीनों या कुछ सालों के बाद सारा सम्मान और सारा प्यार नष्ट हो जाता है। इस समस्या को समझने के लिए सबसे पहले ये समझना होगा की वास्तव में विवाह क्या है ? जीवन में सही मायने में एक दूसरे को प्यार करने वाली दो आत्माओं का मिलन ही विवाह है , और एक ऐसा रिश्ता जिसे स्वयं परमेश्वर भी अलग नहीं कर सकता। पर दुर्भाग्य से लम्बे समय से चल रही शादी मैं कुछ खटास आ जाती है। आज – कल तो शादी करना और अलग हो जाना फैशन सा बन गया है।जब पति – पत्नी में झगड़ा हो जाता है तो गुस्से में आकर एक दूसरे के लिए प्यार महसूस करते हुए भी अपने आत्मसम्मान के कारण अलग हो जाते है। प्यार को दरकिनार रखकर झूठे आत्मसम्मान को अहमियत देते है। इससे बचने के लिए, या निपटने के लिए, अपने प्यार को जानिए ,समझिए , अपने पार्टनर की छोटी – छोटी गलतियों को नज़रअंदाज़ कीजिए और अपने गुस्से पर थोड़ा कंट्रोल कीजिए ये लंबी और सफल शादी की कुंजी है।
विवाह दो आत्माओं का मिलन
इसके लिए उठाये जाने वाले ज़रूरी कदम :-
अपने साथी से अलग होने से पहले सोचिए के कही आप कुछ गलत कदम तो नहीं उठा रहे । क्या आपके जीवन में आपका साथी अभी भी महत्वपूर्ण है क्या अभी भी आप एक -दूसरे को बहुत प्यार करते हो। इससे आप अपने रिश्ते को एक और मौका दे सकते हो।
एक अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए ज़रूरी है अच्छे यौन सम्बन्ध। अपने साथी के साथ समय बिताए और सभी ज़रूरतों का ध्यान रखें जिस तरह पेट की अग्नि को शांत करने के लिए खाना ज़रूरी है उसी तरह सेक्स भी शारीरिक और मानसिक शांति के लिए ज़रूरी है। एक हफ्ते में कम से कम तीन बार सेक्स करना चाहिए , पर इसका ये कतई मतलब नहीं की एक साथी दूसरे के साथ बिना इच्छा के कुछ करे इसके लिए दोनों की सर्वसम्मति ज़रूरी है। नहीं तो रिश्ते ज़्यादा समय तक टिक नहीं पाएंगे।
पति पत्नी सबसे अच्छे दोस्त होते हैं इसलिए उन्हें एक दूसरे से अवश्य ये जान लेना चाहिए की वह किस तरह प्यार करना पसंद करते हैं या उनके साथी को किस तरह का सेक्स पसंद है , ये शादीशुदा जीवन के लिए अत्यंत ज़रूरी है। प्यार करते समय अपने साथी के बारे में सोचिए की उन्हें कोई परेशानी तो नहीं है अगर है तो जानने की कोशिश कीजिए तथा उसका समाधान सोचिए। ऐसा करने से आपके प्रेम प्रसंग हमेशा ताज़ा रहेंगे।
कभी भी अपने बच्चों के सामने एक दूसरे की बुराई ना करें इससे बच्चे के बाल मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। और अपने माता पिता के लिए उसके मन में नकारात्मक छवि बैठ जाती है। ऐसा करने से वह ताउम्र अपने माता पिता में दोष ढूंढ़ता रहेगा आगे चलकर वो भी अपने माता पिता के साथ बुरा व्यवहार कर सकता है। पति पत्नी न सिर्फ अपने बच्चों बल्कि किसी ओर के सामने भी एक – दूसरे की बुराई या नीचा नही दिखाना चाहिए जो भी दिक्कत हो आपस में सुलझा लें।
अपने शादीशुदा जीवन को सुखी बनाने के कुछ टिप्स :-
6 – एक दूसरे के काम का सम्मान करें।