चरण सिंह राजपूत
जो लोग सोच रहे हैं कि ये बड़े चैनल पत्रकारिता कर रहे हैं। जो लोग यह सोच रहे हैं कि ये चैनल जो खबरें परोस रहे हैं वे देश और समाज के लिए कुछ न कुछ भला जरूर करेंगी। जो लोग यह सोच रहे हैं कि ये चैनल जो दिखा रहे हैं वह सब ठीक है तो अपनी ग़लतफ़हमी दूर कर लें। ये चैनल सिर्फ और सिर्फ धंधा कर रहे हैं। जो एडिटर, रिपोर्टर और ब्यूरो चीफ दलाली और उगाही नहीं करना जानते वे इन चैनलों के लिए बेकार हैं। बागी पत्रकारों को छोड़ दें तो ये जितने भी बड़े पत्रकार होने का दावा करने वाले चेहरे हैं ये सब जमीर मारकर दलाली कर रहे हैं।
मतलब इनकी अधिकतर ख़बरें पेड होती हैं। इन ख़बरों से किसी का भला तो नहीं हो सकता। हां बुरा जरूर हो सकता है। क्योंकि जो व्यक्ति पैसा देकर खबर छपवाएगा वह जरूर गलत खबर छपवाएगा या फिर कवरेज कराएगा। एक-एक रिपोर्टर का लाखों का ठेका होता है। यदि पैसे देते रहे तो ठीक नहीं तो फिर नौकरी से निकाल दिए जाएंगे। या फिर खुद ही हाथ जोड़ने पड़ेंगे। समझ लीजिये कैसे कैसे रिपोर्टिंग होती है। ये सब उगाही पुलिस से मिलीभगत करके ही तो होती होगी। अब समझ लीजिये ये लोग कितनी बढ़िया ख़बरें निकलते होंगे।
जी हां जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार Zee News से जुड़े कुछ पत्रकारों ने News Nation जॉइन किया। पत्रकार हैं तो फिर छोड़ेंगे ही। यही इन लोगों ने किया। इन लोगों ने नंबर बढ़ाने के चक्कर में प्रबधन को बताया कि ‘कॉन्क्लेव’ के नाम पर उन्होंने कैसे Zee News को बड़ा रिवेन्यू दिया। ऐसे ही लोग चाहिए चैनलों को। ऊपर बैठे लोगों को ये आईडिया बेहद पसंद आया पर ये लोग पैसे इकठ्ठे करके दे नहीं पाए। कुछ को नौकरी से निकाल दिया गया और कुछ छोड़ गए।