चंद्रशेखर आज़ाद पर हुए हमले के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित और मुस्लिम समीकरण उभर कर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेता मो. आजम खां के चंद्रशेखर आज़ाद से मिलने के अलग ही मायने निकाले जा रहे हैं। वैसे भी अखिलेश यादव के जन्मदिन पर आजम खां ने एक हाथ में चाकू लेकर और दूसरे में कलम लेकर अपने समर्थकों से पूछा कि किस्से केक काटा जाए ?
उन्होंने अखिलेश यादव से पार्टी में मक्कार मुसलमानों को निकालने की बात कही। वैसे भी आजम खां पार्टी की ओर से कोई स्पोर्ट न मिलने पर कई बार अखिलेश यादव से नाराजगी जाहिर की है। तो क्या आजम खां चंद्रशेखर से मिलकर राजनीति क्या समाजवादी पार्टी और आज़ाद समाज पार्टी मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल प उत्तर प्रदेश में चुनाव भावनात्मक मुद्दों पर लड़ा जाता है। चंद्रशेखर आज़ाद के पीछे बड़ी संख्या में दलित युवा है। यही वजह रही कि उन पर हमले के बाद दलित युवा बड़ा आक्रोशित हो गया था और चंद्रशेखर को घायलावस्था में ही अपने समर्थकों से संयम रखने की अपील की थी। उत्तराखण्ड के अध्यक्ष महक सिंह के विवादित बयान देने पर उनसे माफ़ी मंगवाई।