व्यापारी प्रतिनिधियों की एक बैठक निजी होटल में संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष एवं अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने की। इस बैठक में व्यापारियों की समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में मौजूद व्यापारी प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए प्रदेशाध्यक्ष गर्ग ने कहा कि व्यापारी ही देश में सबसे ज्यादा कर अदा करता है, इसलिए उसे देश की रीढ़ कहना गलत नहीं होगा। व्यापारियों की बदौलत ही आज देश व प्रदेश में विकास कार्य हो रहे है, इसके बावजूद व्यपारियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारत देश के उद्योगपतियों ने विदेशों में बड़े-बड़े उद्योग लगाकर अमेरिका व चीन जैसे बड़े देशों में अपना लोहा मनाने का काम कर उद्योग जगत में भारत देश का नाम विश्व स्तर पर चमकाने का काम किया है। गर्ग ने कहा कि हर देश की तरक्की व्यापार व उद्योग पर निर्भर करती है, इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि पड़ोसी देशों से आगे निकलने के लिए देश के व्यापारी व उद्योगपतियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने का काम करे। वायदा व्यापार कानून अपने आप में लाइसैंसधारी सट्टा है उस पर रोक लगाया जाए, क्योंकि वायदा व्यापार कानून किसी भी तरह किसान व व्यापारी दोनों के हित में नहीं है। गर्ग ने कहा कि बिना अनाज व सोना खरीद व बेचे ही लोग करोड़ों रूपए का इंटरनेट पर लेन-देन का काम कर रहा है, इससे हजारों परिवार बर्बाद हो रहे है, इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। हुड्डा मार्केट में जो बूथ बने हुए है उन बूथों पर दुकानदार प्रथम मंजिल नहीं बना सकता है वह उचित नहीं है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग करते हुए गर्ग ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बूथों पर प्रथम मंजिल के निर्माण की घोषणा की थी, जोकि पूरी नहीं हुई है। इसी घोषणा को अमल में लाते हुए बूथ मालिकों से प्रथम मंजिल बनाने की फीस जमा करवाकर उन्हे अपने बूथों पर प्रथम मंजिल बनाने की मंजूरी दी जाए, ताकि बूथों के आगे दुकानदार जो अपना समान रखते है, वो अपने दुकान के प्रथम मंजिल में रख पाए। इस मंजूरी से आने-जाने वाले ग्राहकों को भी सुविधा होगी और सरकार के खजाने में भी धन की प्राप्ति होगी। इस बैठक में व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश महासचिव हीरा लाल शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष मास्टर रोशन लाल गोयल, अंजनी कनोडिया, ओम बहल, सुरेश गोयल, जय प्रकाश भोलूसरियां, नरेंद्र जिंदल, सुभाष शेरपुरा वाला, विरेंद्र जैन, कालूराम शर्मा, संंतलाल गुंबर, देवेंद्र सोनी, सुरजीत सोनी, कृष्ण मकानी, संदीप गोयल सहित अनेक व्यापारी नेताओं ने भी अपने विचार रखे।