नयी दिल्ली केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मोदी सरकार पर किसी तरह का दबाव नहीं डालता है और न ही कोई निर्देश देता है। उन्होंने यह भी कहा कि कैबिनेट में मंत्रियों को अपने विचार रखने की पूरी आजादी है। संघ प्रमुख मोहन भागवत से हाल में कुछ वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्रियों की मुलाकात को खास महत्व नहीं देते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस मुखिया राष्ट्रीय सुरक्षा और शिक्षा जैसे मामलों में रुचि लेते हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और संघ के करीबी गडकरी ने कहा कि संघ नेताओें के साथ बैठकों में बहुत ही कम राजनीतिक चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक इस तरह की बैठकें इसलिए हुई, क्योंकि भागवत नागपुर स्थित संघ के मुख्यालय में अपने आठ दिन के प्रवास के दौरान उन लोगों से मिले जो उनसे भेंट करने की इच्छा रखते थे। दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘‘आपकी बात सुनने के बाद वे (संघ के पदाधिकारी) जो महसूस करते हैं, उसे आपके सामने रुख सकते हैं लेकिन आपसे यह कहेंगे कि आप जो उचित समझते हैं, वह करें।’’ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी हाल में भागवत से भेंट की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्य प्रणाली के बारे में भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा संघ से शिकायत किए जाने की खबरों को बकवास बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी बातें इसलिए लिखी गईं क्योंकि वे उसी तरह बिकती हैं जैसे कि किसी कामयाब अभिनेत्री के बारे में गप शप की कहानियां बिका करती हैं। इस संदर्भ में उन्होंने मोदी द्वारा उनका नाम लिखे मोनोग्रामड पिनस्ट्रीप सूट के पहनने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने कहा कि सूट 15 लाख रुपयों का था। क्या आपने कीमत चुकाई? एक गुजराती परिवार की ओर से तोहफा था जो मोदी को उस समय से जानता है जब वह संघ के प्रचारक थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘‘मैं कहना यह चाहता हूं कि लोगों के संघ से मिलने के पीछे कोई राजनीतिक अर्थ नहीं होते।’’