दिल्ली के रोहिणी सेक्टर- 9 इलाके में स्थित दिल्ली इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के निकाल दिया गया , जिसके विरोध में कर्मचारी धरने पर बैठे हैं, स्कूल में काम करने वाले पचास से जयादा कर्मचारी है जिसमें महिलायें भी शामिल है दरअसल स्कूल में काम करने वाले कर्मचारी जसवंत के पैर में चोट लगने पर न तो उसे मुआवजा दिया गया और ना ही चिकत्सीय सुविधा, कर्मचारियों ने जब इसकी मांग की तो उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया गया। दरअसल कर्मचारी नियम के अनुसार अगर कोई कर्मचारी काम के दौरान दुर्घटना का शिकार होता है तो उसे उचित मुआबजा और इलाज का खर्च देना संसथान का फर्ज है लेकिन एक कर्मचारी को दुर्घटना के बाद न तो स्कूल प्रसाशन ने ही मदद दी और न ठेकेदार ने ही कुछ किया। स्कूल में काम करने वाले कर्मचारी सूर्य इंटरप्राइजेज नाम की प्राइवेट कंपनी के लिए काम करते थे लेकिन ठेकेदार ने भी इनकी मांग को अनसुना कर दिया इन कर्मचारियों के मुताबिक़ इन्हें ईएसआईसी कार्ड और छुट्टियों में भी कटौती की जाती है। साल में बारह महीने होते हैं लेकिन इन मजदूरों को तनख्वाह सिर्फ ग्यारह महीने की मिलती है। बीमारी हो या घर में किसी की मौत, छुट्टी लेने पर पैसे काटे जाते है , स्कूल प्रशासन और ठेकेदार द्वारा प्रताड़ित कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं।