Thursday, October 31, 2024
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पटेल समुदाय की विशाल रैली, भाजपा सरकार को चेताया

अहमदाबाद। आरक्षण के लिए ओबीसी कोटे में शामिल किए जाने की मांग को लेकर पटेल समुदाय ने आज अपनी ताकत दिखाते हुए एक विशाल रैली की और चेतावनी दी कि यदि समुदाय की मांग नहीं मानी गई तो भाजपा सरकार को 2017 के चुनाव में नतीजा भुगतना होगा। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पटेल समुदाय के युवा नेता हार्दिक पटेल ने रैली के बाद कहा कि वह आयोजन स्थल पर तब तक भूख हड़ताल पर बैठेंगे जब तक कि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल उनसे ज्ञापन लेने नहीं आतीं। संख्या और आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत गुजरात के पटेल समुदाय के लोग यहां रैली में बड़ी संख्या में शामिल हुए। रैली के चलते शहर थम सा गया। आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय के एक महीने से चले आ रहे आंदोलन के बाद ‘महाक्रांति रैली’ का आयोजन हुआ। हार्दिक ने उपस्थित लोगों से कहा, ‘‘यदि आप हमारा अधिकार (आरक्षण) नहीं देते तो हम इसे छीन लेंगे। जो भी पटेलों के हित की बात करेगा, वही पटेलों पर राज करेगा।’’ उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी दी, ‘‘1985 में हमने गुजरात से कांग्रेस को उखाड़ दिया था, आज भाजपा है। राज्य में चुनाव वर्ष आ रहा है..कीचड़ में कमल नहीं खिलेगा, यह कभी नहीं खिलेगा। यदि आप हमारे हित की बात करोगे तभी हम आपका कमल खिलाएंगे।’’

पटेल झुकने को तैयार नहीं हैं, जबकि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने में अपनी असमर्थता जता चुकी हैं और नेताओं से आंदोलन खत्म करने तथा वार्ता के लिए आगे आने का अनुरोध कर चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने पटेलों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने में अपनी असमर्थता को लेकर उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों और फैसलों का हवाला दिया था। हार्दिक पटेल ने भीड़ के उत्साही कोलाहल के बीच कहा, ‘‘कुछ पार्टियां कहती हैं कि आप उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों (आरक्षण 50 प्रतिशत तक सीमित किए जाने) के बारे में नहीं जानते, यह नहीं हो सकता। यदि उच्चतम न्यायालय एक आतंकवादी के लिए तड़के साढ़े तीन बजे बैठ सकता है तो इस राष्ट्र के भविष्य युवाओं के लिए क्यों नहीं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि देश के युवा अपने अधिकार की मांग करने के लिए सड़कों पर उतरते हैं और उन्हें वे अधिकार नहीं मिलते तो उनमें से कुछ नक्सली, उनमें से कुछ आतंकवादी बन जाएंगे।’’

रैली को संबोधित करते हुए 22 वर्षीय हार्दिक पटेल ने कहा कि उनका आंदोलन गैर राजनीतिक है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘कुछ लोग कहते हैं कि आपका आंदोलन कांग्रेस समर्थित है, कुछ लोग कहते हैं कि आपका आंदोलन भाजपा से प्रेरित है, जबकि कुछ अन्य कहते हैं कि यह आम आदमी पार्टी प्रायोजित है, लेकिन हम गैर राजनीतिक हैं।’’ हार्दिक ने कहा, ‘‘हमने गुजरात से प्रतिनिधि चुने हैं और हमने केंद्र में प्रतिनिधि भेजे हैं, वे सिर्फ वहां कानून बनाने या संविधान संशोधन के लिए नहीं हैं। हमने आपको अपने समुदाय की सेवा करने के लिए भेजा है..हमें केवल अपने अधिकार चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि उनकी मांग का सम्मान किया जाएगा या फिर वे इसे ‘‘छीन लेंगे।’’ युवा नेता ने कहा, ‘‘मेरे एक मित्र ने कहा कि तुमने अपने लोगों (क्योंकि मुख्यमंत्री भी पटेल हैं) के खिलाफ आंदोलन किया है, मैंने जवाब दिया कि हमने यह आंदोलन इसीलिए शुरू किया है क्योंकि वे हमारे लोग हैं। उन्हें भी समझना चाहिए कि हम अपने अधिकार की मांग करने के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं।’’ यह उल्लेख करते हुए कि समुदाय की एक बड़ी संख्या है, हार्दिक ने कहा, ‘‘हम (पटेल- खेती करने वाला समुदाय) केवल गुजरात में ही नहीं हैं..हम गुजरात में 1.80 करोड़ हैं..देश में भी हमारी बड़ी मौजूदगी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक व्यक्ति ने मुझसे कहा कि आपका (पटेलों का) गुजरात में राजनीतिक दबदबा है, मैंने उससे कहा कि क्या आपने केवल गुजरात देखा है, क्या आप बिहार नहीं देखते..यहां तक कि नीतीश कुमार हमारे हैं..क्या आप आंध्र प्रदेश में नहीं देखते..चंद्रबाबू नायडू हमारे हैं।’’ हार्दिक ने कहा, ‘‘गुजरात में हमारे छह सांसद हैं, जबकि भारत में हमारे 170 सांसद हैं.. कोई जानता नहीं है इस बारे में..हमारी मोहर हर जगह लगेगी।’’

ओबीसी कोटा की मांग पर अपने समुदाय को आश्वस्त करते हुए हार्दिक ने कहा, ‘‘जिस दिन गुजरात के 1.80 करोड़ पटेल सड़कों पर आ जाएंगे, उस दिन वे (सरकार) ओबीसी की पेशकश करने खुद हमारे पास आएंगे।’’ ‘‘यह देश किसानों, सैनिकों और मजदूरों के कंधों पर चलता है। यदि तीनों में से किसी भी कंधे को दर्द होता है तो आप सत्ता से उखड़ जाएंगे।’’ अपने संबोधन में किसानों की आत्महत्या के मुद्दे को लाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब हम किसानों के बारे में बात करते हैं..10 साल में 6,000 किसानों ने आत्महत्या की है..वह (जिन्होंने आत्महत्या की) हमारा भाई था..उसके लिए (आत्महत्याओं) की जिम्मेदारी कौन लेगा..यदि भविष्य में कोई किसान आत्महत्या करेगा तो न सिर्फ समूचे गुजरात, बल्कि समूचे देश को हमारे रोष का सामना करना पड़ेगा। हम किसानों की आत्महत्याओं को सहन नहीं करेंगे।’’ नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए हार्दिक ने कहा, ‘‘आप राजनीतिक लाभ उठाने के लिए सरदार की 180 मीटर लंबी प्रतिमा (स्टैचू ऑफ यूनिटी) बना रहे हैं, लेकिन अपने दिल के भीतर देखिए कि क्या इसके भीतर अब भी सरदार पटेल के मूल्य हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पटेल लोग मोदी साहब के सपने ‘सबका साथ सबका विकास’ को पूरा करने के लिए आरक्षित श्रेणी में शामिल होना चाहते हैं।’’ हार्दिक ने यह भी कहा कि देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री नहीं बन सके, अन्यथा चीजें भिन्न होतीं। इस बीच, लोगों के एकत्र होने के मद्देनजर पुलिस ने शहर के बड़े मार्गों को ‘निषिद्ध’ क्षेत्र घोषित कर दिया जिससे सड़कों पर बहुत कम यातायात था। पटेल समुदाय ने सोमवार को शहर बंद का आह्वान दिया था। इस कारण भी आज बहुत से व्यावसायिक प्रतिष्ठान और स्कूल-कॉलेज बंद रहे। समुदाय के लोगों ने रैली के बाद जिला कलेक्टर को अपनी मांगों का ज्ञापन देने के लिए जुलूस निकाला।

 

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