नई दिल्ली। उपराज्यपाल नजीब जंग ने शुक्रवार को राज निवास में दिल्ली नगर निगम के तीनों मेयरों एवं नगर निगम कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात की। उपराज्यपाल ने हड़ताल के मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने एवं दिल्लीवासियों को इससे हो रही कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए उत्तरी एवं पूर्वी नगर निगमों को दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा 300 करोड़ रूपए का ऋण देने की पेशकश की है। दिल्ली सरकार 693 करोड़ रूपए नगर निगमों को जारी कर चुकी है। उत्तरी एवं पूर्वी नगर निगमों को अतिरिक्त 300 करोड़ रूपए देने से यह राशि कुल मिलाकर 1000 करोड़ रूपए हो जाएगी। यह 1000 करोड़ रूपए निगम कर्मचारियों के 31 मार्च 2016 तक के वेतन भुगतान के लिए पर्याप्त है। उपराज्यपाल ने शहर एवं दिल्लीवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी यूनियनों से हड़ताल समाप्त करने एवं कार्य पर लौटने की अपील की। उपराज्यपाल ने यह भी आश्वासन दिया है कि वह एक दीर्घकालिक समाधान के लिए चैथे वित्त आयोग की रिपोर्ट के कार्यान्वयन के संबंध में दिल्ली सरकार से बात करेंगे। गौरतलब है कि दिल्ली में एमसीडी कर्मचारियों की हड़ताल का आज दसवां दिन है। वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा के घर के बाहर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कपिल मिश्रा पीडब्लूडी के लोगों को पैसे देकर कूड़ा उठवा रहे हैं। सफाई कर्मचारियों के अलावा एमसीडी स्कूलों के टीचर भी बेमियादी हड़ताल पर हैं। इसके अलावा एमसीडी अस्पतालों के करीब दो हजार सीनियर डॉक्टर, पांच हजार रेजीडेंट डॉक्टर और 15 हजार नर्स भी हड़ताल में शामिल हैं। बुधवार को एमसीडी कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान अरविंद केजरीवाल की सांकेतिक शवयात्रा भी निकाली थी।