अपनी पत्रिका ब्यूरो
भारती जनसेवा संस्थान बिहार के प्रदेश अध्यक्ष गंगा कुमार ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस पूरे हिंदुस्तान में राष्ट्र पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। उनका कहना है कि हिंदुस्तान 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था लेकिन देश को संप्रभुता 26 जनवरी 1950 को मिली। आज़ाद देश में 13 करोड़ सहारा इंडिया के जमाकर्ता और 12 लाख कार्यकर्ता सुब्रत राय जैसे महाठग ने आर्थिक और मानसिक गुलाम बना लिये और सरकार कुछ न कर पाई।
उन्होंने कहा है कि इस गुलामी को तोड़ने के लिए मानसिक आजादी से जीने के लिए विश्व भारती जन सेवा संस्थान सहारा के कार्यकर्ता और जमाकर्ता के लिए संपूर्ण भुगतान के लिए जमीनी स्तर पर मशाल जुलूस एवं लीगल के माध्यम से न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के लिए अग्रसर हो चुकी है। उन्होंने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सहारा के जमाकर्ता और कार्यकर्ता जानना चाहते हैं कि संविधान को लिखने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर साहब की कलम से सुब्रत राय के लिए कोई कानून बना है या नहीं। अगर कोई कानून बना है तो वर्तमान सरकार से आग्रह है कि उस कानून को लागू करते हुए सुब्रत राय पर कठोर कार्रवाई करे।
पूरे देश के सहारा इंडिया के निवेशकों का संपूर्ण भुगतान होना चाहिए। मैं जानना चाहता हूं अगर संविधान के नियमों को लागू करने वाले न्यायपालिका कार्यपालिका इस देश में जीवित है तो सहारा निवेशकों का संपूर्ण भुगतान देकर न्याय मिलना चाहिए। आज देश के सहारा निवेशक मानसिक दबाव में रहते हुए आर्थिक परेशानी झेलते हुए संगठन के माध्यम से अपनी आवाज ऊंचा कर रहे हैं तो देश के राजनेता इस बात को गंभीरता से अगर नहीं लेती है तो यह राजनेता आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पुनः जीत कर कर यहां से नहीं जाएंगे।
सहारा निवेशकों ने ठाना है कि सहारा का संपूर्ण भुगतान नहीं तो 2024 में वर्तमान केंद्र सरकार को मतदान नहीं यह नारा बुलंद है और बुलंद रहेगा और इसी नारा से देश के राजनेता डर रहे हैं और डरते रहेंगे साथियों अगर हमारा न्याय संपूर्ण भुगतान में तब्दील नहीं होता है तो हम लोग इस नारे को बुलंद करते हुए पूरे हिंदुस्तान स्तर पर वर्तमान केंद्र सरकार का बहिष्कार करते हुए सत्ता से हटाने के लिए वचनबद्ध रहेंगे क्योंकि देश का संविधान सभी के लिए एक है लोकतंत्र जनता का जनता के लिए बना है। अगर इस लोकतंत्र में हमें संपूर्ण भुगतान का न्याय नहीं मिलेगा तो इसका विरोध देखने को मिलेगा और मशाल जुलूस से वर्तमान केंद्र सरकार सीख ले अगर सहारा का संपूर्ण भुगतान नहीं हुआ तो वर्तमान केंद्र सरकार अपना सत्ता को परित्याग करने के लिए तैयार रहें नहीं तो संविधान में बने हुए कानून के तहत सहारा के मालिक सुब्रत राय को करी से करी सजा देते हुए देश के जमाकर्ता का संपूर्ण भुगतान वर्तमान केंद्र सरकार करें, क्योंकि केंद्रीय मंत्री अमित शाह जी ने भुगतान की जिम्मेदारी लिए हैं, नहीं तो इन दोनों का गठजोड़ जग जाहिर हो चुका है किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है।
सरकार ने खुद सहारा को संरक्षण देकर पूरे देश को संदेश दे दिया है कि सुब्रत राय जैसे माहाठग को सजा देने के बजाय संरक्षण दे रही है और देश के जमा करता को आंशिक भुगतान दे रही है इस बात को सहारा के कार्यकर्ता और जमा करता भली-भांति समझ चुके है और हम लोग अब सीधे-सीधे वर्तमान केंद्र सरकार से संपूर्ण भुगतान की मांग कर रहे हैं इस बात को समझने के लिए किसी साक्ष्य की आवश्यकता नहीं है इसलिए साथियों खुलकर हमारे मशाल जुलूस में साथ दें और लीगल की प्रक्रिया में भी साथ दें हम आपको वचन देते हैं कि आप की संपूर्ण भुगतान के लिए विश्व भारती के सभी क्रांतिकारी साथी तन मन से समर्पित हैं और रहेंगे क्योंकि यह देश हमारा है इस देश में हमें न्याय चाहिए और न्याय हम लेकर रहेंगे इसके लिए हम सरकार को बदल सकते हैं हम अपने हिम्मत को विश्व भारती जन सेवा संस्थान में पूर्ण योगदान देते हुए संपूर्ण भुगतान की लड़ाई लड़ते रहेंगे।